ग्वालियर के MP-MLA COURT ने भाजपा के विधायक प्रीतम लोधी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले में सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट की फाइनल सुनवाई के दौरान, विधायक प्रीतम लोधी उपस्थित थे। उन्होंने दोष मुक्ति के बाद कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा था और उनका यह विश्वास था कि देर हो सकती है, परंतु अंधेर नहीं होगा। इसलिए, न्याय पालिका सबसे ऊपर है।
यह था पूरा मामला
6 जून 2018 को शिवपुरी जिले के खनियाधाना थाने ने प्रीतम लोधी पर शासकीय कार्य में बाधा डालने और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। 2018 में कांग्रेस सरकार के दौरान, बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा और स्थानीय सौंदर्यीकरण के संदर्भ में तहसीलदार के साथ विवाद का आरोप था। इस शिकायत को खनियाधाना थाने में दर्ज किया गया था। मामला तब से स्थानीय शिवपुरी कोर्ट में चल रहा था। प्रीतम लोधी वर्तमान में शिवपुरी जिले की पिछोर विधामसभा से भाजपा के विधायक बन चुके हैं। इसलिए, मामले को स्थानीय कोर्ट से सुनवाई के लिए ट्रांसफर किया गया था और इसे Gwalior जिला न्यायालय में स्थित MP-MLA SPECIAL COURT में भेजा गया था, जहां प्रीतम लोधी ने अपनी फाइनल सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया, और कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
दोषमुक्ति के बाद लोधी ने लगाए कांग्रेस पर आरोप
दोषमुक्ति के बाद कोर्ट के बाहर प्रीतम लोधी ने कहा कि 2018 में कांग्रेस सरकार ने उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा था और निर्णय उनके पक्ष में होगा, जिसे न्यायालय ने किया भी है। प्रीतम लोधी ने यह भी बताया कि उस समय कांग्रेस सरकार थी, इसलिए कांग्रेस के लोगों ने उन्हें फंसाने का प्रयास किया था, लेकिन न्यायालय ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया है।
दोषमुक्ति के बाद, प्रीतम लोधी के वकील अनूप शिवहरे ने बताया कि शिवपुरी जिले के पिछोर क्षेत्र में खनियाधाना पुलिस थाने में 2018 में प्रीतम लोधी और तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ धारा 353, 332,184, 294, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें एमपी एमएलए कोर्ट ने प्रीतम लोधी को दोषमुक्त कर दिया है।