BHOPAL. मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव आज ( 13 दिसंबर) को प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। यादव ने 1982 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से राजनीति में कदम रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही मध्यप्रदेश के नए सीएम मोहन यादव का बचपन भी संघर्ष भरा रहा है। मोहन यादव का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा है। वह अपने पिता पूनमचंद यादव के साथ दुकान पर पकौड़े बेचते थे।
कभी पकौड़े बेचते थे मप्र के सीएम मोहन यादव
मोदी अपने संघर्ष के दिनों में चाय बेचा करते थे। ऐसे ही मोहन यादव अपने पिता पूनमचंद यादव के साथ दुकान पर पकौड़े बेचते थे। मोहन के पिता मिल में काम करते थे। इसमें उनकी ज्यादा कमाई नहीं होती थी। इस वजह से मोहन अपने घर का खर्चा चलाने के लिए अपने पिता की मदद करते थे। मोहन अपने पिता और भाई के साथ मालीपुर इलाके में चाय-पोहे और भजिए बेचा करते थे।
संघर्ष के दौर में ही शुरू कर दी थी राजनीति
बता दें, मोहन यादव लगातार तीसरी बार उज्जैन जिले की उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक बने हैं। पिछली सरकार में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री थे। 1982 में जब मोहन यादव ने छात्रसंघ का पहला चुनाव जीता उस वक्त भी वह अपनी चाय-पोहे की दुकान पर काम करते थे। चाय-पोहे की दुकान ठीक चलने लगी तो उन्होंने उसे बढ़ाकर एक रेस्टोरेंट भी डाला था।
पढ़ाई में काफी होशियार थे मोहन
मोहन पढ़ाई में शुरू से ही काफी तेज थे। उन्होंने पांचवी तक घर के पास वाले स्कूल में ही पढ़ाई की। इसके बाद 6वीं- 8वीं तक कैलाश भवन माध्यमिक विद्यालय बुधवारिया में गए। 9वीं से 11वीं तक जीवाजीगंज हायर सेकेंड्री स्कूल में पढ़ने के बाद बीएससी करने के लिए मोहन 1982 में देवास में माधव साइंस महाविद्यालय पहुंच गए। यहां से उन्होंने अपनी ग्रेजुएश की।