सहेली के साथ खेलने गई तो नाबालिग को चिमटे से दागा, 10 साल की बेटी ने मंदिर में ली शरण; FIR के बाद अपनाने से किया इंकार

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The Sootr CG
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सहेली के साथ खेलने गई तो नाबालिग को चिमटे से दागा, 10 साल की बेटी ने मंदिर में ली शरण; FIR के बाद अपनाने से किया इंकार

RAJGARH. मध्यप्रदेश में एक दस साल की नाबालिग बेटी का कसूर यह था कि वह सहेली के साथ खेलने चली गई, यह बात कलयुगी माता पिता को नागवार गुजरी, उन्होंने बेटी को गर्म चिमटे से दाग कर घर से निकाल दिया। पीड़ित ने मंदिर में दो दिन तक शरण ली, जब वहां आने वाले भक्तों को जानकारी लगी तो प्रशासन को सूचना दी। इस पर परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया तो अब उन्होंने उसे अपनाने से इंकार कर दिया। इसके चलते बालिका को वन स्टाफ सेंटर भेजा है।



मारपीट की चिमटे से दागा, फिर घर से निकाला



घटना राजगढ़ के संकट मोचन कॉलोनी की है, जहां एक मासूम अपनी सहेली के साथ खेलने गई थी। इसी पर माता-पिता नाराज हो गए, क्योंकि जिस सहेली के साथ बालिका गई थी उसके परिजनों से उनका विवाद है। नाराज परिजनों ने 10 वर्षीय मासूम बेटी को कमरे में बंद कर उसके साथ जमकर मारपीट की। इतने से भी मन नही भरा तो गर्म चिमटे से उसके शरीर को जगह-जगह दाग दिया। बेटी के रोने की आवाज और सिसकियों से मां-बाप को तरस नहीं आया और धक्के देकर उसे गालियां देते हुए घर से निकाल दिया। ऐसे में बालिका ने शिव मंदिर में शरण ली। लेकिन भूखी प्यासी बच्ची को तलाशने परिजन नहीं आए। ऐसे में मंदिर आने वाले भक्तों ने पीड़ित बच्ची से हकीकत जानकर स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन को अवगत कराया है। सूचना पर महिला बाल विकास के अधिकारी, चाइल्डलाइन व पुलिस टीम संकट मोचन कॉलोनी पहुंची। जहां मासूम बिटिया को रेस्क्यू करते हुए काउंसलिंग की। 



पीड़िता की यह है आपबीती कहानी



काउंसलिंग के दौरान जो मासूम ने बताया उसको लेकर चाइल्डलाइन की टीम उसे सीडब्ल्यूसी लेकर पहुंची, जहां मासूम ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि मेरे पापा दिनेश शर्मा यूं तो हर कभी मेरे साथ मारपीट करते हुए मुझे कुछ पल के लिए घर से बाहर कर देते थे। लेकिन, हाल ही में उनकी एक पड़ोसी से लड़ाई चल रही है। जब उन्होंने मुझे पड़ोसी की बेटी के साथ खेलते हुए देखा तो पहले मुझे घर के रूम में लेकर गए और मेरी पिटाई की। उसके बाद भी उनका दिल नहीं भरा तो उन्होंने गर्म सलाखों से मुझे जगह-जगह जला दिया। उन्होंने मुझे घर से बाहर निकाल कर गेट लगा दिया था। मुझे कहीं सहारा नहीं मिला तो भोलेनाथ के मंदिर में शरण ली। जहां भूखे प्यासे रहकर दो तीन दिन बिताए।

 

पुलिस ने परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की



राजगढ़ एएसपी ने कहा कि उन्हें शिकायत मिलने पर परिजनों के खिलाफ बालको के संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। फिलहाल, उसे वन स्टाफ सेंटर भेजा गया है। वहीं बालिका को वन स्टाफ सेंटर में पहुंचाया है।


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