पटवारी परीक्षा: नेगेटिव मार्किंग नहीं फिर भी छात्रा को मिले -6 अंक, सागर के कॉलेज पर भी आरोप, त्यागी सरनेम के दिव्यांग घेरे में

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BP Shrivastava
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पटवारी परीक्षा: नेगेटिव मार्किंग नहीं फिर भी छात्रा को मिले -6 अंक, सागर के कॉलेज पर भी आरोप, त्यागी सरनेम के दिव्यांग घेरे में

संजय गुप्ता, INDORE. पटवारी परीक्षा में धांधली के लग रहे आरोपों के बीच कांग्रेस लगातार हमलावर हो रही है और युवा भी सड़कों पर उतरे हुए हैं। परीक्षा के लिए 12.79 लाख से ज्यादा उम्मीदवार थे और 9.78 लाख युवा परीक्षा में शामिल हुए थे। इस परीक्षा की अनियमितता को लेकर एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। एक और खुलासा द सूत्र कर रहा है, यह परीक्षा सौ प्रशन और कुल 200 अंकों की थी। इसमें नेगेटिव मार्किंग नहीं थी। लेकिन इसके बाद भी एक छात्र को इसमें माइनस 6 (-6) मिले हैं, जी, हां माइनस छह। छात्रा की मार्कशीट में प्राप्त अंक 0 है, और नार्मलाइजेशन के बाद मिले अंक -6 हो गए हैं।




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अभ्यर्थी नीतू शर्मा के -6.14 नंबर आए, जबकि परीक्षा में माइनस मार्किंग नहीं थी।




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ऑन स्क्रीन 150 अंक आने का दावा



वहीं जानकारी के अनुसार छात्रा कह रही है कि जब उसने पेपर साल्व किया था, तब ऑनलाइन अंक 150 दिखाई दिए थे। जानकारों का कहना है कि कोई भी कुछ प्रशनों को हल करता है और तुक्के में ही सही कुछ तो सही होते हैं फिर किसी के जीरो अंक कैसे आ सकते हैं और जीरो नंबर पर नार्मलाइजेशन फार्मूला कैसे लग सकता है और यह माइनस में कैसे बदल सकते हैं? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। 



नार्मलाइजेशन फार्मूले पर उठ रहे सवाल



मप्र प्रोफेशनल एक्जाम बोर्ड (पीईबी) द्वारा लगाए जा रहे नार्मलाइजेशन फार्मूले के बाद आए नंबरों को लेकर भी कई गंभीर आरोप लग रहे हैं। किसी जगह दस-15 नंबर कम हो गए हैं तो कहीं पर किसी उम्मीदवारों के नंबरों पर भारी इजाफा हुआ है। इसके चलते किसी का सिलेक्शन हुआ तो कई बाहर हो गए। 



त्यागी सरनेम के दिव्यांगों के चयन भी निशाने पर आया



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मुरैना के जौरा क्षेत्र से त्यागी सरनेम के 15 उम्मीदवारों के चयनित होने से भी सवाल खड़े हुए हैं। हालांकि इनके परीक्षा केंद्र अलग-अलग थे लेकिन है सभी एक ही एरिया के। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इसमें 12 उम्मीदवारों को एक ही विकलांगता बहरेपन की रही है। सभी ने एचईएच (कम सुनाई देने) वाला सर्टिफिकेट लगाया है और इनका चयन हुआ है। चयनित में योगेश पिता कमलेश त्यागी, कीर्तिनंदन पिता बृजेश त्यागी, धीरेंद्र पिता विनोद त्यागी, प्रवीण पिता लज्जाराम त्यागी, मनोज पिता लज्जाराम त्यागी, विजय पिता राजेश त्यागी, कृष्णकांत पिता सियाराम त्यागी, आकाश पिता रामेशवर त्यागी, चंद्रकात पिता गिर्राज त्यागी, योगेंद्र पिता मनोज त्यागी, जयंत पिता धर्मेंद्र त्यागी, रमाकांत पिता परिमल त्यागी, आशीष पिता रामप्रकाश त्यागी, अभिषेक पिता रामभजन त्यागी. राहुल पिता दिनेश त्यागी और आकाश पिता रामभजन त्यागी। इसमें आकाश, चंद्रकांत, रमाकांत को छोड़कर बाकी बहरेपन की दिव्यागंता से ही पीड़ित है। 



सागर का यह कॉलेज भी आया विवादों में, युवाओं ने लगाए आरोप



ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज के साथ ही विवादों में सागर का बाबूलाल तारादेवी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी भी आया है। युवा उम्मीदवारों ने इस सेंटर से चयनति हुए कई उम्मीदवारों की मार्कशीट सोशल मीडिया पर शेयर की है और कहां है कि केवल ग्वालियर ही नहीं यहां से भी एक साथ कई लोगों का चयन सवाल खड़े कर रहा है। सोशल मीडिया पर आई कुछ मार्कशीट में उम्मीदवारों को 164 से लेकर 168 अंक तक मिले हुए हैं, जिनका चयन हुआ है। 



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हाईकोर्ट डबल बेंच इंदौर में लगी याचिका, 19 को सुनवाई



उधर हाईकोर्ट इंदौर की डबल बैंच में पटवारी परीक्षा की धांधली को लेकर जनहित याचिका दायर हो गई है। इस पर 19 जुलाई को सुनवाई होगी। इस याचिका में मांग की गई है कि रिटायर हाईकोर्ट जज या सिटिंग जज की अध्यक्षता में ही पूरे मामले की जांच की जाए।


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