आचार्य शंकर की प्रतिमा की ढलाई का काम चीन की कंपनी ने किया, MP के ठेकेदारों को नहीं मिला काम

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Pratibha Rana
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आचार्य शंकर की प्रतिमा की ढलाई का काम चीन की कंपनी ने किया, MP के ठेकेदारों को नहीं मिला काम

BHOPAL. खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण गुरुवार (21 सितंबर) को सीएम शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं। इस प्रतिमा को लेकर गत दिनों जमकर सियासत हुई है। कांग्रेस का आरोप रहा है कि आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का निर्माण चीन में कराया गया है। दरअसल अप्रैल में जब प्रतिमा का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तब मप्र पर्यटन विभाग की ओर से बताया गया था कि आचार्य शंकर की बहुधातु की प्रतिमा की ढलाई का कार्य चीन की जियांग्जी टोकाइन कंपनी जेटीक्यू द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने सरकार पर आरोप लगाया था कि एलएनटी कंपनी को प्रतिमा बनाने के लिए 198 करोड़ का ठेका दिया था। एलएनटी ने टीक्‍यू आर्ट फाउंड्री चीन के नैनचांग में स्थित जियांग्‍जी टोकाइन कंपनी को मूर्ति बनने का काम दे दिया। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि यह मूर्ति चीन में तैयार करवाने के लिए तीन लोगों का प्रतिनिधिमंडल भी चीन गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि इस प्रोजेक्ट के अन्य कार्यों के लिए गुजरात के ठेकेदारों को बुलाया गया। मप्र के ठेकेदारों को काम नहीं मिला।

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चित्र के आधार पर बनी प्रतिमा

प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत द्वारा तैयार किए गए आदि शंकराचार्य के बाल्यकाल के चित्र पर आधारित प्रतिमा का निर्माण शिल्पकार भगवान रामपुरे के मॉडल के आधार पर किया गया है। संस्कृति और पर्यटन विभाग द्वारा आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के मार्गदर्शन में इस प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है।

अहमदाबाद के शिल्पकार ने बनाया कमलदल

निर्माण कंपनी एलएडंटी कंपनी द्वारा प्रतिमा के लिए करीब 75 फीट ऊंचा आधार स्तभं सीमेंट कांक्रीट का तैयार किया गया। इस पर लगभग सात फीट ऊंचा कमलदल का आधार तैयार कर आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की गई है। कमलदल का निर्माण अहमदाबाद के शिल्पकार वीरेंद्र त्रिवेदी द्वारा किया जा रहा है।

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 फेक्ट फाइल

- 9 फरवरी 2017 को नमामि देवि नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान शंकराचार्य प्रकल्प की घोषणा

- 22 जनवरी 2018 को एकात्म यात्रा निकाल कर मनाया एकात्म पर्व

- 27 जनवरी 2018 को आचार्य शंकर सांसकृतिक एकता न्यास का गठन हुआ

- 23 अप्रैल 2018 को इस योजना का अनुमोदन हुआ

- 4 जून 2021 डीपीआर और वास्तुविदीय डिजाइन कार्य प्रारंभ किया गया

- 31 मई 2022 प्रतिमा और आचार्य शंकर संग्रहालय निर्माण की निविदा आमंत्रित की गई

- 2 जुलाई 2022 प्रतिमा का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ

- 15 अगस्त 2023 प्रतिमा निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया

- 126.78 हेक्टेयर भूमि शंकराचार्य प्रकल्प के लिए आरक्षित की गई

देश में ये हैं सबसे ऊंची प्रतिमाएं

-108 फीट की आदि शंकराचार्य की प्रतिमा से भी कई ऊंची प्रतिमाएं देश में मौजूद हैं। हमारे देश में ऊंची प्रतिमाओं की लंबी लिस्ट है।

-597 फीट ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) गुजरात में सरदार सरोवर बांध के पास स्थापित है।

-216 फीट ऊंची संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा (समानता की मूर्ति)हैदराबाद, तेलंगाना में स्थापित है।

-171 फीट ऊंची भगवान हनुमान प्रतिमा आन्ध्र प्रदेश में वामसाधारा नदी के किनारे मदापमी में स्थापित की गई है।

-135 फीट ऊंची वीरा अभय अंजनेय हनुमान स्वामी की प्रतिमा विजयवाड़ा आन्ध्र प्रदेश में स्थापित है।

-133 फीट ऊंची तिरुवल्लुवर की मूर्ति तमिलनाडु के कन्याकुमारी में स्थापित है।

-128 फीट ऊंची भगवान बुद्ध की मूर्ति (तथागतत्साली) सिक्किम के रवंगला में स्थापित की गई है।

-125 फीट ऊंची भगवान बुद्ध की मूर्ति (ध्यान बुद्ध प्रतिमा) आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के अमरावती गांव में स्थापित है।

-123 फीट ऊंची गुरु रिनपोछे की मूर्ति (पद्मसंभव की प्रतिमा) हिमाचल प्रदेश के रेवलसर में स्थापित है।

-121 फीट ऊंची शिव प्रतिमार (मुरुदेश्वर के शिव) कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के मुरुदेश्वर में स्थापित है।

-116 फीट ऊंची शिरडी के साईं बाबा की मूर्ति आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में रेपुरु में स्थापित है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा

गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 597 फीट है। इस स्टैच्यू को भारत के पहले गृहमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में बनवाया गया है। आधार सहित 790 फीट ऊंचा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। वहीं चीन के हेनान प्रांत में मौजूद वसंत मंदिर बुद्ध की मूर्ति 420 फीट ऊंची है। यह दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है।

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