BHOPAL. इस बात की तस्दीक हो गई कि महिला एसडीएम निशा नापित की हत्या का आरोपी उसका पति मनीष शर्मा ही है। उसने पैसे के लिए निशा की तकिए से मुंह दबाकर हत्या कर दी। पूरी कहानी में पैसा ही हत्या की मुख्य वजह निकला है। मनीष की हरकतों से परेशान होकर निशा ने उसे पैसे देने बंद किए तो दोनों में झगड़ा बढ़ गया। इसके अलावा सर्विस बुक में मनीष को नॉमिनी नहीं बनाने पर मनीष ने निशा को मौत के घाट उतार दिया।
दसूत्र ने लेडी SDM निशा नापित की हत्या के हर एंगल से पड़ताल की। पेश है एमपी के सबसे चर्चित मर्डर की पूरी कहानी...
निशा-मनीष की दोस्ती और फिर शादी पर शुरू से ही सवाल उठते रहे। पत्नी की मौत के बाद आरोपी ने पुलिस को जो कहानी बताई, वह भी संदेह भरी थी। पुलिस ने उसके सामने सवालों की झड़ी लगाई तो वह टूट गया और सब कुछ कबूल कर लिया।
पैसे मिलना बंद हुआ तो तकरार बढ़ी
निशा नापित (50) और मनीष (45) की पहचान मेट्रीमोनियल साइट पर हुई थी। 1973 में जन्मीं निशा ने 2020 में शादी का फैसला लिया। निशा के माता-पिता का निधन हो चुका था। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में रहने वाली गवर्नमेंट लेक्चरर बड़ी बहन नीलिमा को निशा ने फोन पर शादी करने की इच्छा जाहिर की, तो बहन भी चौंक गई।
निशा ने कहा कि मेट्रीमोनियल साइट पर उसे एक लड़का पसंद आया है। नीलिमा ने कहा कि पहले वो उस व्यक्ति से मिलना चाहती हैं, लेकिन मनीष शर्मा ने सीधे मना कर दिया। साथ ही कहा कि उसे सिर्फ निशा से मतलब है, वह उनके परिवार से नहीं मिलना चाहता। ...ऐसा नीलिमा ने बताया। नीलिमा के मुताबिक जैसे की मनीष को निशा ने पैसे देना बंद किया तो दोनों में तकरार बढ़ गई थी।
नॉमिनी में खुद का नाम जुड़वाने का बना रहा था दबाव
उसी अक्टूबर महीने में निशा ने बड़ी बहन को फोन करके सूचना दी कि उसने मनीष से शादी कर ली है, लेकिन शादी के बाद निशा की जिंदगी में भूचाल आ गया। निशा को ये जरा भी अंदाजा नहीं था, जिस व्यक्ति के साथ उन्होंने सुकून की जिंदगी के सपने देखे थे, वो तो सिर्फ उसके पैसे और पोजिशन से प्रेम करता था।
शादी के बाद शुरू कर दी पैसों की मांग
शादी के बाद ही मनीष शर्मा ने निशा से पैसों की मांग शुरू कर दी। निशा ने बैंक से लोन लेकर उसे 5 लाख रुपए भी दिए, लेकिन पैसों की उसकी डिमांड बढ़ती ही रही। इतना ही नहीं मनीष अब निशा पर उसके सर्विस रिकॉर्ड और बीमा के दस्तावेज में नॉमिनी के तौर पर अपना नाम दर्ज करने के लिए दबाव बनाने लगा। निशा समझ चुकी थीं कि पति की नजर उसके पैसों पर है। उन्होंने बहन नीलिमा और उसके बेटे को नॉमिनी के तौर पर रखा।
पुलिस ने 24 घंटे में किया खुलासा
27 जनवरी को सुबह आरोपी ने निशा की उनके ही सरकारी बंगले में तकिए से मुंह दबाकर हत्या कर दी। सबूत मिटाने के लिए बेडशीट, तकिए और दूसरे कपड़े को वॉशिंग मशीन में धोकर ड्रायर में सुखा भी दिया। हालांकि, पुलिस और एफएसएल की टीम ने 24 घंटे के अंदर ही जांच कर इस मामले का खुलासा कर दिया।
कौन है SDM की हत्या का आरोपी मनीष
दसूत्र ने जानने की कोशिश की कि आखिर कौन है ये मनीष, जिसने एक राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी को अपने जाल में फंसाकर उनसे शादी की।
- ग्वालियर पुलिस सूत्रों के मुताबिक मनीष का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उसने 2018 में ग्वालियर में भी शादी की थी, लेकिन 6 महीनों के भीतर उसका तलाक हो गया। मनीष की करतूतों की वजह से उसके परिवार से भी उसका ताल्लुक नहीं रह गया है।
- 2020 में जब उसने एसडीएम निशा से शादी की, उसके बाद 2021 में भी गाजियाबाद में उसके एक दूसरी महिला के साथ सोशल मीडिया अकाउंट पर शादी के फोटो-वीडियो अपलोड हुए थे।
- निशा ने जब उससे इस बारे में सवाल पूछा तो उसने कहा कि ये उसके दोस्त की पत्नी है। निशा को उस पर तभी से ही संदेह था।
- गाजियाबाद में रह रही उस महिला से भी संपर्क किया, जिसके साथ उसकी शादी के फोटो 2021 में सोशल मीडिया पर अपलोड और बाद में डिलीट हुए थे। महिला ने जवाब दिया कि मनीष उसके पति का दोस्त है। वह उसे इस नाते जानती है। उसके पति की कोविड में गाजियाबाद में रहते हुए मृत्यु हो गई है।
- जब महिला को मनीष की करतूत बताई तो महिला चौंक गई। उसने वाट्सएप से अपना प्रोफाइल फोटो तुरंत हटा लिया। निशा की बड़ी बहन नीलिमा का आरोप है कि इस महिला से भी मनीष ने शादी की है।
निशा MPPSC-2003 बैच की अफसर थीं
- जन्म- 22 दिसंबर 1973 छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में
- 2003- छिंदवाड़ा में नायब तहसीलदार
- 2010 - सतना में तहसीलदार
- 2020- डिप्टी कलेक्टर
- 2023- शहपुरा में एसडीएम
- निशा की बहन ने क्या बताया?
2003 में निशा का MPPSC में सिलेक्शन हुआ था। 2003 में पहली पोस्टिंग नायब तहसीलदार के पद पर छिंदवाड़ा में हुई थी। फिर कई जगहों पर पोस्टिंग होती रही। निशा का पहला प्रमोशन हुआ तो वो सतना में तहसीलदार बनकर आई। मनीष से निशा की मुलाकात मेट्रोमोनियल साइट पर हुई थी। वहीं पर उन दोनों की बातचीत चलती रही। निशा ने जब मुझे शादी की बात बताई तो मैंने कहा कि मैं उससे मिलना चाहती हूं। मगर, मनीष शर्मा मिलने को तैयार नहीं हुआ।
मैंने निशा को कई बार समझाया भी था, लेकिन वो नहीं मानीं। अक्टूबर 2020 में एक दिन उसने मुझे फोन करके बताया कि हमने शादी कर ली है। निशा उस वक्त मंडला में तैनात थी। निशा ने हमें भी अपनी शादी में नहीं बुलाया। इसके बाद मैं निशा से मिलने मध्यप्रदेश आई। यहां बंगले पर निशा तो मिली, लेकिन मनीष नहीं मिला। दोनों साथ में नहीं रहते थे। मनीष बीच-बीच में कभी 2-3 दिन के लिए आता था। पैसे लेने के बाद यहां से चला जाता था।
बड़ी बहन नीलिमा ने बताया- दोनों अंबिकापुर आए, मैंने अंगूठी गिफ्ट की थी
- नीलिमा ने बताया कि मनीष ग्वालियर में अपना काम धंधा करता था। शादी के तुरंत बाद से ही उसने निशा से पैसे मांगने शुरू कर दिए थे। जब भी दोनों मिलते थे, तो बस झगड़ा करते थे। दोनों ने प्रेम और शांति से एक दिन भी नहीं गुजारा होगा। वो पैसे के लिए लड़ता झगड़ता और पैसे मिल जाने पर चला जाता था। निशा ये बात मुझे बताया करती थी।
- उस समय मंडला के एसपी ने भी बहन को समझाया था। उन्होंने कहा था कि अभी शिकायत मत करिए। थोड़ा समय दीजिए तो इसने शिकायत नहीं की। इसके बाद वो दबाव बनाने लगा कि निशा नॉमिनी के रूप में उसका नाम डाले।
- तब मैंने निशा को समझाया था कि अभी ऐसा कुछ मत करना। हमने बोला था कि कुछ साल बीत जाने दो उसके बाद ये सब करना। जब निशा ने टाला तो इसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा होता रहा। फिर एक समय बाद निशा ने भी पैसे देने बंद कर दिए।
- 2021 में एक दिन गाजियाबाद की एक महिला ने मनीष के साथ शादी के फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए थे। बाद में वो डिलीट भी कर दिए गए। निशा ने जब मनीष से पूछा तो उसने सिर्फ ये कहा था कि वो मेरे दोस्त की पत्नी है। उसकी शादी में वो शामिल हुआ था। मनीष ने निशा को समझा तो दिया लेकिन निशा के मन में संदेह था। उस महिला से निशा की बात हुई। लेकिन उसने निशा से झूठ बोल दिया।
- 25 तारीख ( 25 जनवरी 2024) को ये ( मनीष ) फिर आया इस बार जानकारी नहीं दी। जो आमतौर पर बताती रहती थी। कल शाम को अचानक कॉल आया। उठाया तो हमें बहन की मौत की जानकारी मिली। हम सदमे में आ गए। हमें बताया गया कि मामला संदिग्ध है।