पचमढ़ी का नागद्वार मंदिर, सालभर में सिर्फ 10 दिन खुलता है, आज से दर्शन करने जाएंगे श्रद्धालु, यात्रा से कट जाता है कालसर्प दोष

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Chandresh Sharma
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पचमढ़ी का नागद्वार मंदिर, सालभर में सिर्फ 10 दिन खुलता है, आज से दर्शन करने जाएंगे श्रद्धालु, यात्रा से कट जाता है कालसर्प दोष

NARMADAPURAM. मध्यप्रदेश के सबसे ऊंचाई वाले क्षेत्र पहाड़ों की रानी पचमढ़ी में मध्यप्रदेश का अमरनाथ धाम मौजूद है, इस धाम की तुलना अमरनाथ से इसलिए की जाती है क्योंकि यहां 7 अत्यंत दुर्गम पहाड़ियों को पार करके दर्शनलाभ मिलते हैं। इसे भगवान शिव का दूसरा निवास भी कहा जाता है। यह मंदिर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है, इसलिए साल में सिर्फ 10 दिनों के लिए ही इस धाम को दर्शन के लिए खोला जाता है। इस साल 12 अगस्त से 22 अगस्त तक यहां मेला लगेगा। अनुमान है कि देशभर से करीब 5 लाख श्रद्धालु इस दौरान नागद्वार मंदिर से मशहूर धाम की यात्रा पर पहुंचेंगे। इस यात्रा को नागद्वारी यात्रा भी कहा जाता है। 




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  • 15 किलोमीटर की यात्रा में लगते हैं दो दिन

    पचमढ़ी में नागफनी से यह नागद्वारी यात्रा प्रारंभ होती है। यात्रा के दौरान अत्यंत दुर्गम, ऊंचे-नीचे और सर्पिलाकार मार्ग से मंदिर तक पहुंचना होता है। मध्यप्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात  से भी श्रद्धालु इस यात्रा पर आते हैं। मान्यता है कि इस यात्रा से भक्तों पर से कालसर्प दोष मिट जाता है। 



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    शासन ने किए कई इंतजाम

    इस यात्रा के लिए नागद्वार धाम में लगने वाले मेले के लिए प्रशासन ने एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत अनेक अधिकारियों को मौके पर तैनात किया है। इसके अलावा साढ़े 5 सौ पुलिस बल, 130 होमगार्ड और 50 आपदा मित्र के साथ-साथ दर्जनभर एसडीआरएफ के जवान व्यवस्थाओं के लिए तैनात किए गए हैं। यात्रा के दौरान पचमढ़ी तक जाने वाली स्लीपर कोच बसों पर रोक लगाई गई है। सैलानियों-श्रद्धालुओं के लिए सड़कों की मरम्मत के साथ-साथ जगह-जगह साइन बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि श्रद्धालु रास्ता न भटकें। श्रद्धालुओं के लिए दवाओं के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों को भी तैनात किया गया है। 



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    लैंड स्लाइड का रहता है खतरा




    यात्रा के दौरान लैंड स्लाइड का खतरा भी बरकरार रहता है। जिसके चलते प्रशासिनक अधिकारियों ने नागद्वारी के यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। पूरे रास्ते में बारिश के दौरान अनेक झरने भी बहते हैं। यात्रियों के लिए वाटर प्रूफ टेंट, पार्किंग के इंतजामों के अलावा लैंड स्लाइडिंग की स्थिति में तत्काल मरम्मत के भी इंतजाम किए जा रहे हैं। 



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    अथक परिश्रम के बाद मिलते हैं बाबा के दर्शन




    नागद्वारी यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि वैसे तो यात्रा महज 15 किलोमीटर लंबी है, लेकिन रास्ता इतना दुर्गम है कि वहां तक पहुंचने में श्रद्धालुओं केा अथक परिश्रम करना पड़ता है। रास्ता ऐसा है कि जरा सी चूक में आदमी गहरी खाई में जा गिरे। नागद्वारी में भगवान भोलेनाथ के अलावा नागदेव की अनेक प्रतिमाएं और आकृतियां हैं, नागद्वार के बाद स्वर्गद्वार भी पड़ता है, वहां भी नागदेव का स्थान है। यात्रा के दौरान लोगों को अनेक विषैले नाग भी दर्शन देते हैं, लेकिन ये श्रद्धालुओं को हानि नहीं पहुंचाते। 


    Madhya Pradesh's Amarnath Yatra Nagdwari Yatra Dham opens only for 10 days Kalsarp Dosh gets cut off from Yatra मध्यप्रदेश की अमरनाथ यात्रा नागद्वारी यात्रा सिर्फ 10 दिन खुलता है धाम यात्रा से कट जाता है कालसर्प दोष