संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन की गिरफ्तारी और पूछताछ से शहर के कई बिल्डर्स में बैचेनी है। शहर के अधिकांश बड़े लोगों ने मद्दा से किसी ना किसी तरह से लेन-देन किया है और यह सभी अब ईडी के रडार पर है। मद्दा के बयान पीएमएलए 2002 एक्ट की धारा 50 के तहत दर्ज हो रहे हैं, इसका मतलब है कि उसके द्वारा दिया गया बयान ही सबूत है और यदि उसने अपने केस में किसी को भागीदार बता दिया तो वह भी ईडी के लिए आरोपी हो जाएगा। मद्दा से कई सोसायटियों में शहर के बड़े लोग जमीन ले चुके हैं, इसमें सबसे ज्यादा लोग कल्पतरू संस्था में शामिल है।
यह सभी बड़े लोगों की सांसे अटकी
ईडी छापे के दौरान ही बिल्डर मनीष शाहरा से जमीन के सौदे को लेकर दस्तावेज ले चुकी है साथ ही त्रिशला संस्था की जमीन को लेकर छोटे भाई नितेश शाहरा से पूछताछ भी हो चुकी है। मद्दा के दखल वाली मजदूर पंचायत की पुष्पविहार सोसायटी में पिंटू छाबड़ा, केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी ने जमीन ली है, यह जमीन उसने अपने साले दीपेश वोरा, भाई कमलेश जैन और मैनेजर नसीम हैदर के जरिए बिकवाई। अयोध्यापुरी में सुरेंद्र संघवी के बेटे प्रतीक संघवी और मुकेश खत्री के साथ डायरेक्टरशिप में खुद ही जमीन खरीदी। विवादित बिल्डर नीलू पंजवानी के साथ भी मद्दा के कारोबारी संबंध रहे हैं। वहीं, दिलीप गुप्ता, राजेंद्र आगार, आशीष जैन, कुलभूषण मित्तल, अझय अग्रवाल सहित कई लोगों के भी मद्दा के साथ संबंध रहे हैं। श्रीराम संस्था, हिना पैलेस की जमीन के खेल में जितेंद्र (हैप्पी) धवन और राजीव धवन भी मद्दा से जुड़े रहे हैं।
सबसे ज्यादा खेल कल्पतरू में, इसमें यह सभी बड़े उलझे
कल्पतरू संस्था जिसमें 3 अप्रैल को ही पुलिस ने मद्दा पर 4.89 करोड़ की धोखाधड़ी में केस दर्ज किया है। इसमें मद्दा के साथ शहर के 153 बड़े लोग सदस्य बने हुए हैं, इसमें अधिकांश ने कौड़ियों के भाव मद्दा से जमीन खरीदी है, 5-10 रुपए प्रति वर्गफीट में। इसके अलावा मद्दा जब 1997 से 1999 के दौरान संस्था का अध्यक्ष था तब इस दौरान संस्था की निपानिया की जमीन के सर्वे नंबर 31/5/6/7/8 के अलग-अलग टुकड़े कर बिल्डर नितेश चुघ, राज जय सिंघानिया, कमल बाफना, चेतना जैन, अनिल गुजराती, कमलेश बागरेचा, अशोक मंगल, प्रकाश गुप्ता, कमलेश गोयल, अजय गोयल, सपता दिलीप सिसौदिया आदि को बेच डाली।
ये भी पढ़ें...
यह है सभी बड़े लोग कल्पतरू संस्था में सदस्य
दीपेश कुमार बोहरा, कमलेश जैन, रमेश प्रजापत, नरेंद्र सिंह झाबुआ, कमलेंद्र सिंह झाबुआ, जय सिंह झाबुआ, समता जैन, भूपेश (टीनू) जयंतीलाल संघवी, संतोष वाघले, सपना बेताला, प्रतीक सुरेंद्र संघवी, सुरेंद्र जयंतलील संघवी, संदीप जैन आदि।
इन सभी बड़ों ने यहां कौड़ियों के भाव ली जमीन-
साल 1996 से 2008 के बीच इस तरह संस्था की 30 एकड़ से ज्यादा जमीन मात्र 1.43 करोड़ रुपए में कौड़ियों के भाव बिक गई, अधिकांश जमीन 5 रुपए प्रति वर्गफीट के भाव बिकी जो आज 5 हजार से लेकर 15-20 हजार रुपए प्रति वर्गफीट तक है यह जमीन खजराना, कनाडिया, बिचौली हप्सी, बिचौली मर्दाना, कनाडिया जैसे पॉश एरिया में हैं।
- जयसिंह झाबुआ- 51 हजार रुपए में खजराना की 303 सर्वे नंबर की 0.38 एकड़ जमीन अप्रैल 1996 में ली। एक अन्य सर्वे नंबर 446 की भी 0.46 एकड़ जमीन ली है।