Balaghat. नक्सलियों को आदिवासियों को अधिकार देने वाले पेसा एक्ट से काफी दिक्कतें हैं। यही कारण है कि नक्सली पेसा एक्ट का विरोध कर रहे हैं। यह खुलासा हुआ है बालाघाट के मानपुर के जंगलों में मिले नक्सलियों के बैनर और पर्चों से। गांगुलपारा की पहाड़ी क्षेत्र से लगे इस जंगल में ग्रामीणों ने जंगल में यह बैनर देखा तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बैनर और पर्चों को बरामद किया। खास बात यह है कि बैनर में नक्सलियों ने संदेश दिया है कि सरकार पेसा एक्ट को खत्म कर 5वीं अनुसूचि लागू करे। वहीं मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों का यह संदेश पुलिस के लिए चिंता का सबब बन चुका है।
सर्चिंग अभियान से टूटे नक्सली दे रहे धमकियां
दरअसल, बीते एक साल से जिला पुलिस बल और हॉक फोर्स की ओर से चलाए जा रहे सर्चिंग ऑपरेशन्स ने नक्सलियों की कमर तोड़कर रख दी है। साल भर में नक्सलियों और हॉकफोर्स के बीच अनेक मुठभेड़ हो चुकी हैं जिनमें कई नक्सलियों को मार गिराया गया। नक्सली अक्सर तेंदूपत्ता सीजन के दौरान वारदातों को अंजाम देकर दहशत फैलाते थे लेकिन इस बार पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से अब तक नक्सली, तेंदुपत्ता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके हैं, ऐसे में वे अब बैनर और पर्चों के जरिए धमकियां देना शुरू कर दिया है।
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ग्रामीणों के जरिए लगवाए होंगे बैनर- एसपी
इधर एसपी समीर सौरभ का कहना है कि नक्सलियों के बैनर और पर्चे मिलने की जानकारी लगते ही टीम गठित कर मौके पर भेजी गई है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों का मुख्यालय के इतना करीब पहुंचना नामुमकिन है, जरूर उन्होंने अपने कुछ मददगार ग्रामीणों की मदद से इस बैनर और पर्चों को लगवाया होगा। एसपी ने बताया कि बैनर में पेसा एक्ट के संबंध में बातें लिखी हुई हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
पर्यटकों का रहता है जमावड़ा
बता दें कि जिस क्षेत्र में नक्सलियों के ये बैनर और पर्चे बरामद हुए हैं वहां गांगुलपारा जलाशय मौजूद है साथ जंगली पर्यटन का भी क्षेत्र है। इस स्थान पर बालाघाट के साथ-साथ महाराष्ट्र और छत्तीसढ़ से भी पर्यटक घूमने आते हैं। ऐसे में इस स्थान पर बैनर मिलना पर्यटन के लिए भी खतरा माना जा रहा है। दूसरी तरफ पुलिस के इस अंदेशे को भी बल मिल रहा है कि नक्सली पिछले काफी समय से बालाघाट में कोई बड़ी वारदात न कर पाने के बाद अब इस तरह दहशत फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।