/sootr/media/post_banners/079e912dac6bae0aa044aad5ca346c5bdad3b652891a593f8375ff56541fd75c.jpeg)
Burhanpur, Sagar Churasiya. नेपानगर के मसक नदी में शहर में नेपा लिमिटेड कागज कारखाने द्वारा कैमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है इस वजह से नदी का पानी दूषित हो रहा है मसक नदी से के आसपास नेपानगर के लोगों की कृषि भूमि हैं मसक नदी से पाईप लाईन बिछाकर यहां के किसान खेतों में सिंचाई करते हैं। किन्तु निजी कंपनी के ईटी प्लांट से मसक नदी में कैमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है जो किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है और कैमिकल युक्त पानी मिलने से पूरी मसक नदी में पोपडे और कैमिकल की गाद जम गई है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है।
गन्ने की फसल हुई खराब
क्षेत्र के किसान मेघनाथ इटकर ने बताया कि मेरी मसक नदी से लगकर कृषि भूमि है मेरे द्वारा मसक नदी से एरिगेशन करके फसलों की सिंचाई की जा रही है। लेकिन पिछले दो माह से नदी का पानी गंदा आ रहा है इस कारण खेत में लगी गन्ने की फसल खराब हो रही है। कैमिकल युक्त पानी आने से नदी का पानी दूषित हो गया है और नदी में गाद और पोपडे जमा हो रहे है। इस वजह से मेरे खेत में कैमिकल युक्त पानी आ रहा है। मेघनाथ ने बताया कि माखिक रूप से शिकायत की गई थी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। किसानांे ने नेपानगर एसडीएम और नेपा लिमिटेड प्रबंधन को इस सम्बंध में लिखित रूप से भी की है।
- यह भी पढ़ें
दुषित पानी से नदी में जम रहे पोपड़े नेपानगर के सात नम्बर गेट के पास नेपा लिमिटेड कागज कारखाने के ईटी प्लांट बना हुआ है, इस प्लांट से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी को नाले में छोड़ा जा रहा है। आपको बता दंे कि यह नाला सीधे रहवासी क्षेत्र से होकर मसक नदी में जाकर मिलता है। इस कारण मसक नदी का पानी दूषित होकर नदी में कैमिकल युक्त पानी से पोपड़े और गाद चारों और फैले हुए दिखाई दे रहे हैं। मसक नदी का पानी कुछ ही दूरी पर बह रही सूर्य पुत्री ताप्ती नदी के पानी में जाकर मिलता है, ताप्ती नदी के पानी का उपयोग बुरहानपुर जिले की 75 प्रतिशत लोग पीने के लिए करते हैं इसके साथ ही यह पानी खेती एवं अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
करोड़ों का प्लाट हुआ फेल
शहर में दो वर्ष पूर्व ही निजी कंपनी का नवीनीकरण होकर पुनः शुरू हुई है, इस दौरान नेपा लिमिटेड कागज कारखाने द्वारा सात नम्बर गेट के पास करोड़ों रूपयें की लागत से ईटी प्लांट का निर्माण किया है। किन्तु यह पूरी तरह से फेल होता हुआ नजर आ रहा है। प्लांट के चारो ओर कैमिकल युक्त पानी के चलते पोपडे और गाद जम गई है। नेपा लिमिटेड कागज कारखाने अधिकारियों द्वारा प्रोजेक्ट निर्माण के दौरान यह कहा गया था कि ईटी प्लाट के माध्यम से कंपनी से निकलने वाला गंदे पानी को पुनः रिसाईकल से वापस उपयोग में ले लिया जाएगा और पहले की तरह प्लप मिल बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
अधिकारियों की भी मिलीभगत
जब इस संबंध में हमारे संवाददाता द्वारा नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा से बात की तो उनके द्वारा कहा गया कि आप लिखित शिकायत कीजिए कहते हुए उनके द्वारा फोन काट दिया गया। अधिकारियों का यह व्यवहार साफ इशारा कर रहा है कि प्लांट प्रबंधन द्वारा अधिकारियों से सांठगांठ की गई है, जिस कारण पूरी की पूरी नदी बर्बाद हो रही है, यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो मसक नदी के हालात भी सोन नदी की तरह हो सकते हैं।