JAIPUR. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में सत्ता की कमान अपने पास बनाए रखने के लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश कर रही है। ऐसे में इस बार आलाकमान ने नया फॉर्मूला तैयार किया है, जिसके तहत प्रदेश में कांग्रेस 50 फीसदी टिकट 50 साल की उम्र के नीचे वालों को दिए जाएंगे। पहले इस नियम को लोकसभा चुनाव 2024 में लागू करने की चर्चा थी, लेकिन अब इसे विधानसभा चुनाव से लागू किया जा रहा है। वहीं, 30 विधायकों को उनके क्षेत्र में नाराजगी के कारण टिकट नहीं दिया जाएगा।
आंकड़े बताते हैं कि कुल 30 प्रतिशत विधायक ही दोबारा चुने जाते हैं। वहीं, यह भी माना जाता है कि एक विधायक का तीसरी बार जीतना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में कांग्रेस हिसाब-किताब करते हुए आधे टिकट काटने की तैयारी में है और पुराने चेहरों की जगह नया चेहरा खड़ा करने का प्लान कर रही है।
कांग्रेस के सर्वे रिपोर्ट- कई विधायकों के कामकाज से नाराज जनता
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के साथ राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने-अपने स्तर पर कई सर्वे करवाए। इसके बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि राजस्थान की जनता कांग्रेस विधायकों से नाराज चल रही है। कांग्रेस का कहना है कि राजस्थान सरकार के कामकाज से लोग खुश हैं, लेकिन कुछ विधायकों के प्रति जनता की नाराजगी है।
2 महीने पहले टिकट बंटवारे की योजना
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम अशोक गहलोत बीते डेढ़ साल में 57 दौरे किए हैं। साथ ही, राहत शिविर के जरिए जनता से कनेक्ट करने के पूरे प्रयास किए हैं। अब आगामी चुनाव से पहले कांग्रेस टिकट बंटवारे को लेकर भी पुख्ता कदम उठा रही है ताकि सरकार रिपीट करने का सपना केवल सपना बनकर न रह जाए। यही वजह है कि चुनाव से दो महीने पहले की टिकट बांटने की योजना बनाई गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे फायदा ये होगा कि जनता अपने उम्मीदवार को पहचान पाएगी और नकारात्मकता कम की जा सकेगी।
जीत की संभावना वाले उम्मीदवारों को ही टिकट देने की योजना है।
जिनका टिकट कटा, उन्हें बोर्ड-आयोग में एडजेस्ट किया जाएगा
कर्नाटक में कुछ सीनियर लेकिन चुनाव लड़ने के लिहाज से कमजोर दिख रहे चेहरों को सीधे विधानपरिषद में लाकर मंत्री बनाया गया है। इसी तर्ज पर जिन प्रमुख लोगों की क्षेत्र में स्थिति कमजोर है, उन्हें सरकार बनने की स्थिति में बोर्ड अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर लाकर संतुष्ट किया जाएगा। वर्तमान में गहलोत सरकार में 29 मंत्री हैं जबकि बोर्ड, आयोग, निगम में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जैसे 69 पद भी हैं। इनमें भी 30 राज्यमंत्री और 4 कैबिनेट मंत्री के समानांतर पद हैं। सीएम के छह सलाहकार भी इस सरकार ने बनाए हैं।
टिकट तो दिल्ली से ही तय होंगे, रिपोर्ट राजस्थान से जाएगी
कांग्रेस पार्टी यह भी कह रही है कि टिकट किसे मिले, किसे नहीं यह दिल्ली से ही तय होगा। राजस्थान से सिर्फ चेहरों की स्वॉट रिपोर्ट यानी मजबूत-कमजोर पक्ष की जानकारी दी जाएगी।
वरिष्ठ नेता बच्चों के लिए मांग रहे टिकट कुछ विधायक, मंत्री उम्र का हवाला देकर खुद चुनाव ना लड़ने की बात कह चुके हैं। दीपेन्द्र सिंह शेखावत, गुरमीत कुण्डल ने हाल ही में अपने-अपने कारण गिनाए हैं। हालांकि ये पुराने नेता अपने बच्चों के लिए टिकट मांग कर पार्टी को परेशानी में जरूर डालेंगे। पार्टी भी चाहती है कि धीरे-धीरे वरिष्ठजन खुद ही आगे आ जाएं।
रंधावा बोले- युवाओं को आगे रखा जाएगा
प्रदेश प्रभारी रंधावा कहते हैं- ‘मैं प्रभारी हूं, 62 वर्ष का हो गया तो मेरे साथ पार्टी को क्या करना चाहिए। क्या उम्र के बड़े लोगों को घर से निकाला जा सकता है क्या? जो खुद चुनाव नहीं लड़ना चाहते, वे ना लड़ें, लेकिन बड़ी उम्र के अनुभवियों को निकाला थोड़ी जाता है। राजनीति में उम्र की कोई कट-ऑफ तो होती नहीं है।’ साथ ही रंधावा ने कहा- आनुपातिक रूप से युवाओं को आगे रखा जाएगा।