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AMRITSAR. अलग-अलग देशों में तीन खालिस्तानी नेताओं की हत्या या संदिग्ध मौत हुई है। खालिस्तान समर्थक संगठन इसके पीछे भारत की खुफिया एजेंसियों का हाथ बताते हैं। इस बीच बुधवार (5 जुलाई) को खबर आई थी कि भारत के वांटेड आतंकी पन्नू की अमेरिका में एक्सीडेंट में मौत हो गई है। हालांकि, गुरुवार (6 जुलाई) को एक वीडियो सामने आया, जिसमें खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू खुद को जिंदा होने का दावा कर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा। यह वीडियो 5 जुलाई का बताया जा रहा है।
पन्नू बोला- हम पंजाब को भारत के कब्जे से छुड़ा लेंगे
एक न्यूज पोर्टल से उसने बात कर कहा, ‘मैं जानता हूं कि भारत की सरकार मौजूदा हालात से कितनी निराश है। गुरु की कृपा से हम पंजाब को भारत के कब्जे से छुड़ा लेंगे। खालिस्तान रेफरेंडम का अपना शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखेंगे।’ मालूम हो, बुधवार (5 जुलाई) को खबर आई थी कि आतंकी पन्नू की अमेरिका में एक्सीडेंट में मौत हो गई है। कुछ रिपोर्ट्स में एक फोटो भी दी गई, जिसमें एक कार और ट्रक के बीच टक्कर हुई थी। इसे पन्नू के एक्सीडेंट की बताई गई थी।
2.19 मिनट के वीडियो में पन्नू ने कही खास बातें
पन्नू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। ये वीडियो 5 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय के बाहर रिकॉर्ड किया था। पन्नू ने इस वीडियो में कहा कि कनाडा में मारे गए खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर के पीछे भारतीय अधिकारियों का हाथ है। इसी वीडियो में कहा कि खालिस्तानी रेफरेंडम’ का तीसरा फेज 16 जुलाई को टोरंटो और 10 सितंबर को वैंकूवर में होगा।
2019 में भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस को घोषित किया था आतंकी संगठन
सिख फॉर जस्टिस को भारत सरकार ने 10 जुलाई 2019 में UAPA कानून के तहत आतंकी संगठन घोषित किया था। उसके एक साल बाद पन्नू को 1 जुलाई 2020 में आतंकी घोषित किया गया। भारतीय खुफिया एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि खालिस्तान समर्थक संगठनों को कनाडा के बड़ा पॉलिटिकल तबका सहयोग करता है। ये लोग भारत और कनाडा रिश्तों पर निगेटिव असर डालना चाहते हैं और इसमें वो काफी हद तक कामयाब भी हो रहे हैं। सिख फॉर जस्टिस और उसके जैसे बाकी संगठनों का जितना असर सोशल मीडिया पर है, उसका शायद 10 प्रतिशत भी जमीन पर नहीं है। ये भी सच है कि उन्होंने खालिस्तान शब्द को बड़ा मुद्दा तो बना दिया है।
एस जयशंकर ने कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को किया था आगाह
तीन जुलाई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान में कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को आगाह किया था कि अगर ये देश खालिस्तानी नेताओं और संगठनों को अपनी देश में पनपने देते रहेंगे, तो इसका बुरा असर आपसी रिश्तों पर पड़ेगा। जयशंकर की नाराजगी पर बात विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारत के सब्र का बांध धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा है।