New Delhi. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार पर संजीवनी घोटाले में शामिल होने के आरोप को लेकर दायर मानहानि केस में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को सेशन कोर्ट से आंशिक राहत ही मिली है। अदालत ने राउज एवेन्यू कोर्ट के द्वारा जारी किए गए समन पर रोक लगाने से इनकार किया है लेकिन अदालत में पेश होने के बजाय वीसी के जरिए पेश होने की छूट सीएम गहलोत को प्रदान की है। बता दें कि 6 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ समन जारी किया था।
7 अगस्त को होना पड़ेगा पेश
सेशन्स कोर्ट के आदेशानुसार सीएम गहलोत को अब 7 अगस्त को वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होना होगा। बता दें कि गहलोत ने सेशन्स कोर्ट में रिवीजन फाइल किया था। अदालत में दलील दी गई कि उनके पास गृह विभाग का भी जिम्मा है। एसओजी उन्हें रिपोर्ट करती हैं। एसओजी ने केस को लेकर उन्हें जो जानकारी दी थी, उसी को मीडिया से साझा किया गया था। एसओजी को मिली शिकायत में गजेंद्र सिंह शेखावत के परिवार का भी नाम है। दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष गजेंद्र शेखावत के वकीलों ने बताया कि हमारे मुवक्किल का किसी भी शिकायत में नाम नहीं था। मानहानि केस दर्ज होने के बाद एसओजी द्वारा मामले में कथित तथ्य जुटाए गए हैं।
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5 महीने पहले दिया था बयान
बता दें कि 5 माह पूर्व गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत के खिलाफ यह मामला दायर किया था। सीएम ने संजीवनी घोटाले में उनके परिवार के बारे में दिए गए बयान को मानहानि बताया है। सीएम गहलोत ने 21 फरवरी को बजट की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत के माता-पिता, पत्नी समेत पूरा परिवार शामिल है।
सीएम गहलोत ने किया था स्वागत
मानहानि केस को लेकर भी सीएम अशोक गहलोत ने शेखावत पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि पूरा घोटाला कागजों पर है। उनके मानहानि केस का स्वागत है। कम से कम इस बहाने केस तो आगे बढ़ेगा। सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए कहा था कि गजेंद्र सिंह शेखावत को मंत्रीमंडल से हटाया जाना चाहिए।