संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के नगर निगम जोन 13 के वार्ड 81 जो विधानसभा राउ में आता है यहां के सूर्यदेव नगर के मंदिर को लेकर फिर नया बखेड़ा ख़डा हो गया है। इस बार भी यह विवाद किसी और ने नहीं बल्कि बीजेपी के महापौर और बहुमत वाले नगर निगम ने किया है। यह वही मंदिर है जिसे नगर निगम ने मई माह में जनसुनवाई में आई एक शिकायत के बाद तोड़ दिया था और फिर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले में नगर निगम की जगह कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा था कि इस तरह वह निगम के काम में हस्तक्षेप नहीं करें। लेकिन इस बार तो महापौर के नगर निगम के अधिकारियों ने भी मंदिर को नोटिस थमा दिया।
क्या लिखा है नोटिस में?
यह नोटिस भवन अधिकारी द्वारा जारी किया गया है जो हेमंत सिरवडकर व अन्य को संबोधित करते हुए हैं। इसमें लिखा गया है बिना मंजूरी के सार्वजनिक जगह पर मंदिर बन रहा है, इसे निर्माण को तीन दिन में हटाएं नहीं तो हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इस नोटिस के बाद राउ विधायक जीतू पटवारी के साथ ही स्थानीय पार्षद व एमआईसी मेंबर अभिषेक उर्फ बबलू शर्मा भी भड़क गए हैं। पटवारी ने जहां निगम की कार्यशैली पर जमकर निशाना साधा तो वहीं शर्मा ने भी निगम के अधिकारियों को आडे हाथ लिया है और कहा कि अज्ञात शिकायत पर इस तरह का नोटिस जारी किया गया है, ना शिकायतकर्ता की जानकारी ली गई है और ना ही पूरे मामले की। इस तरह की कार्यशैली से निगम के अधिकारी क्या जताना चाहते हैं?
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पहले क्या हुआ था मंदिर को लेकर
मई माह में जनसुनवाई में कुछ रहवासियों ने मंदिर निर्माण को लेकर शिकायत की, इसकी जानकारी कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने नगर निगम अपर आयुक्त सिदार्थ जैन को दे दी, उन्होंने किसी को जानकारी दिए बिना ही सीधे रिमूवल गैंग भेज दी और निर्माणाधीन मंदिर को तुड़वा दिया। इसके विरोध में बबलू शर्मा वहीं धरने पर बैठ गए और जमकर विवाद हुआ और निगम कठघरे में आ गया। इसके बाद महापौर ने कलेक्टर को पत्र लिख दिया और इस मामले में अप्रत्यक्ष तौर पर उनके हस्तक्षेप को ही इस विवाद की जड़ मान लिया। बाद में पटवारी, शर्मा सभी ने मिलकर राशि दी और मंदिर के फिर से निर्माण के लिए बकायाद भूमिपूजन हुआ। इसमें राउ के बीजेपी से घोषित प्रत्याशी मधु वर्मा भी गए थे, लेकिन अब जब मंदिर बन रहा है तो फिर नोटिस जारी हो गया है। इससे नया विवाद शुरू हो गया है।
पार्षद शर्मा ने नोटिस को राजनीतिक बताया, पटवारी ने मधु वर्मा को फायदा पहुंचाने वाला
इस नोटिस को लेकर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने निगम अधिकारियों से फोन पर बात की और इसका वीडियो भी सामने आया। इसमें उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राजनीति का हिस्सा बन रहे हो, एक दिन पहले मधु वर्मा ने बैठक ली अगले दिन नोटिस पहुंचा दिया, ताकि फिर मधु वर्मा इस नोटिस को रुकवाएं और लोगों को बता सकें कि मैंने कार्रवाई रुकवा दी अब चुनाव में ध्यान देना। यह पूरी राजनीतिक चाल है, जिस मंदिर को बीजेपी पार्षद, मैं सभी रहवासी राशि देकर बनवा रहे, एक बार तुड़वा चुके फिर उसे नोटिस क्यों दिया? इस पर अधिकारी ने यही कहा कि शिकायत के आधार पर यह किया था। उधर एमआईसी सदस्य अभिषेक बबलू शर्मा ने कलेक्टर और निगमायुक्त को पत्र लिखा और कहा कि शिकायत पर यह किस तरह हुआ इसकी पूरी जानकारी की फाइल दी जाए। मैंने अवैध मजार और अन्य निर्माण को लेकर शिकायत की इस पर तो इतनी तत्परता से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं एक वीडियो संदेश में शर्मा ने कहा कि यह बाबरधारी सोच वाले अधिकारी का कियाधरा है और बाबरधारी विचारधारा वाले व्यक्ति ने राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए यह किया है। वह ध्यान रखें कि हम भी महाराणा प्रताप औऱ् वीर शिवाजी के वंशज है, तो वही हाल होगा जो बाबरी का हुआ। ठीक करना भी हमें आता है। उधर शर्मा ने इस मामले को लेकर शनिवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान से एयरपोर्ट पर बात की और इस वाकये को बताया, इस पर सीएम ने भी गहरी नाराजगी जाहिर की।