JAIPUR. राजस्थान में 5वां नेशनल टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। मेवाड़ में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथोरिटी (एनटीसीए) ने ‘कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व’ पर 4 अगस्त को हुई बैठक में सहमति दे दी गई थी। इसके लिए जल्द ही मिनिट्स जारी किए जाएंगे। इसके बाद राज्य सरकार को टाइगर रिजर्व के लिए जरूरी काम करने होंगे। बता दें कि राजस्थान में करौली, धौलपुर और भरतपुर जिलों के जंगलों को जोड़कर 5वां नेशनल टाइगर रिजर्व बनेगा।
5वां नेशनल टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है
बनने जा रहे नए 5वें नेशनल टाइगर रिजर्व को 2766 स्क्वायर किमी में बनाया जाएगा। इसके साथ ही 800 स्क्वायर किमी कोर एरिया रहेगा। इसमें कुंभलगढ़, अरावली, टाड़गढ़ क्षेत्र के जंगल शामिल होंगे। अक्टूबर 2021 में राजसमंद सांसद और एनटीसीए सदस्य दीया कुमारी की कमेटी ने लोकसभा में टाइगर रिजर्व के विषय को पॉजिटिव रिपोर्ट सौंपी थी। हालांकि 1400 वर्ग किमी रेवेन्यू लैंड में बफर के लिए पहले ग्राम पंचायत-सभाओं की सहमति लेनी पड़ेगी।
नया टाइगर रिजर्व बनने में आएंगी कई परेशानियां
सरकार के लिए यह प्रोजेक्ट आसान नहीं होने वाला है। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे कि यहां पर करीब 20 से ज्यादा गांव मौजूद हैं। पैरेफिरी पर भी इससे ज्यादा गांव बसे हैं और मवेशियों का जंगल में भी काफी दबाव है। इन सब से अलग बात की जाए तो बाघों के रहने के लिए सांभर-चीलत जैसे शिकार की कमी भी है। जंगल के ग्रासलैंड पर अभी काम होना बाकि है।
राजस्थान के 4 टाइगर रिजर्व में मिलते हैं ये जानवर
राजस्थान में इसके अलावा 4 और टाइगर रिजर्व रणथंभौर, सरिस्का, मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व मौजूद हैं। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों के अलावा, सियार, लकड़बग्घा, तेंदुआ, चीतल, सांभर, हिरण और भालू जैसे पक्षियों और जानवरों की एक श्रृंखला देखी जा सकती है। वहीं सरिस्का टाइगर रिजर्व में बंगाल टाइगर, जंगली बिल्लियां, सांभर, जंगली सूअर, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, सैंड ग्राउज जैसे पशु-पक्षी देखने को मिलेंगे। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में लकड़बग्घा, चिंकारा, मृग और तेंदुए जैसे जानवर मौजूद रहते हैं। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों के अलावा, स्लॉथ भालू, गोल्डन जैकल्स भारतीय खरगोश, भारतीय रॉक अजगर, लाल रेत बोआ जैसे जानवर मौजूद हैं।