भोपाल. सीएम हेल्पलाइन में तरह-तरह की अजीब शिकायतें आने के मामले सामने आते रहते हैं। इस बार सीएम हेल्पलाइन पर एक बहुत ही अजीब तरह की शिकायत आई है। शिकायत ऐसी की सुन कर हर कोई चौंक जाए। जी हां, आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल, एक व्यक्ति ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की है कि उनके विधायक को मंत्री बनाया जाए। विधायक भी कोई मामूली नहीं हैं। एमपी विधानसभा के सबसे सीनियर विधायक को मंत्री बनाने की मांग की गई है। कौन हैं वो विधायक, आइए बताते हैं विस्तार से।
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को हटाकर मोहन यादव को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाया है। नए सीएम यादव के मंत्री मंडल का पिछले दिनों विस्तार हुआ। इसमें शिवराज के करीबी माने जाने वाले भूपेंद्र सिंह को शामिल नहीं किया गया है। भूपेंद्र सागर जिले की खुरई सीट से विधायक हैं। उनको मंत्री न बनाए जाने से उनके समर्थक निराश है। भूपेंद्र सिंह लगातार तीसरी बार खुरई विधानसभा से जीते हैं। इसके पहले दो बार और सुरखी विधानसभा से भी विधायक चुने जा चुके हैं।
कस्टमर केयर पर नहीं ली शिकायत
बमोरी हुड्डा गांव से संतोष तिवारी ने सीएम हेल्पलाइन पर कॉल लगाया....
तिवारी: हमारे विधायक भूपेंद्र सिंह जी को कैबिनेट में मंत्री बनाया जाए।
कस्टमर केयर: विधायक जी को क्या बनाया जाए?
तिवारी: कैबिनेट में मंत्री बनाया जाए।
कस्टमर केयर: मुख्यमंत्री कार्यालय में आवेदन दीजिए, इसकी शिकायत हमारे यहां नहीं की जाती है।
तिवारी: मुख्यमंत्री सीएम हेल्पलाइन है, इस पर शिकायत करवाएंगे नहीं तो कहां पर करवाएंगे।
कस्टमर केयर: मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर आवेदन कीजिए।
कस्टमर केयर: हेल्पलाइन पर कस्टमर केयर महिला शिकायत लेने से इनकार करती है।
तिवारी: मैडम, जब हेल्पलाइन है 181, तो इसी पर कह रहे हैं कि माननीय भूपेंद्र जी को खुरई से विधायक हैं। इनको कैबिनेट में मंत्री बनाया जाए। मैडम, मानिए भूपेंद्र भैया जी को मंत्री बनाया जाए जो कैबिनेट में अभी विस्तार हुआ है।
कस्टमर केयर: माफी चाहेंगे नियुक्ति से संबंधित ऐसी कोई शिकायत दर्ज नहीं होती है।
तिवारी: सीएम हेल्पलाइन है तो यहीं पर दर्ज करवाएंगे शिकायत। आप बताइए और कहां जाएं।
कस्टमर केयर: देखिए, आप किसकी नियुक्ति करवाना चाहते हैं।
तिवारी: खुरई से जो विधायक है हमारे उनको कैबिनेट मंत्री बनाया जाए।
कस्टमर केयर: इस संबंध में हमारे यहां कोई शिकायत दर्ज नहीं होती है।
तिवारी: मैडम यह सीएम हेल्पलाइन की शिकायत है। हमारा संदेश मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाइए। मैडम आप हमारी शिकायत मोहन जी तक पहुंचा दीजिए।
और अंतत: इस तरह मंत्री समर्थक तिवारी और सीएम हेल्पलाइन कस्टमर केयर के बीच बातचीत समाप्त हो जाती है।