BHOPAL. मुख्यमंत्री मोहन यादव के अखंड भारत वाले बयान पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई तो उन्होंने फिर चेतावनी दी है। मोहन यादव ने कहा कि किसी की आपत्ति करने से सांस्कृतिक तौर पर अखंड भारत का सपना खत्म नहीं होगा। सीएम मोहन पाकिस्तान पर जमकर बरसे।
सीएम मोहन यादव ने क्या कहा ?
सीएम मोहन यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान लाख आपत्ति जताए, हम सब जानते हैं कि सिंध से विस्थापित होकर लोग यहां आए। उससे पहले अखंड भारत ही रहा है। ननकाना साहिब सहित अखंड भारत के जो हिस्से रहे हैं, उन्हें लेकर हमारी भावनाएं कायम हैं। राष्ट्रगान में जब हम यह बोलते हैं कि पंजाब सिंध गुजरात मराठा, तो वह हमारे अखंड भारत का हिस्सा रहे हैं। स्वाभाविक रूप से अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है। एक तरह से हमारा सांस्कृतिक अखंड भारत का सपना हजारों साल से रहा है। किसी की आपत्ति करने से वो बात खत्म नहीं हो जाएगी। वो तो अपनी जगह स्थायी रहेगी।
पाकिस्तान की आपत्ति
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी कर कहा कि भारत में हिंदुत्व विचारधारा का उभार धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा कर रहा है। भारत के 2 प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पाकिस्तान के हिस्सों पर फिर से कब्जा करने की ओर पहला कदम है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस तथाकथित इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और हेट क्राइम का संज्ञान लेना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भारत में इस्लामिक हेरिटेज साइट्स को कट्टरपंथी समूहों से बचाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बात करना चाहिए। पाकिस्तान ने भारत सरकार से भी मुस्लिमों और उनके पवित्र स्थलों के साथ ही धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
सीएम मोहन ने क्या कहा था ?
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि प्राण-प्रतिष्ठा यानी भगवान राम के प्राकट्य का एक पहला चरण पूरा हो रहा है। सौभाग्य की बात है कि 1990-92 के समय से 30-32 साल का संघर्ष रहा है। वैसे तो 500 साल से हमारी कई-कई पीढ़ियां इसी बात को लेकर खप गई कि हमारे आराध्य प्रभु श्री राम का जो मंदिर दुश्मनों की आंखों में कांटा बनकर खटकता था, सम्राट विक्रमादित्य ने बनाया था। काल के आरोह-अवरोह में ऐसा होता है। कभी समय अच्छा आता है, तो हमारा समय खराब आया था। उस दौरान आतताइयों ने हमारे धर्म पर हमले किए। ये उसी तरह हुआ जैसे 1947 में हमारे हाथ से सिंध का जाना हुआ। पंजाब का बंटना हुआ। पाकिस्तान का बनना हुआ। हिंदुस्तान का खंडित होना हुआ। परमात्मा चाहेगा तो कल नहीं तो परसों अखंड भारत फिर साकार होगा। सिंध, पंजाब और अफगानिस्तान तक हमारा भारत फिर अखंड होगा। हमारी सबकी कामना है कि ननकाना साहिब हमारी आंखों के सामने हो। भगवान राम के मंदिर का बनना अखंड भारत की ओर एक बड़ा कदम हो, ये हम सभी की इच्छा है।