अमित रैकवार, Vidisha. मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना लेकर आई है, इस योजना के तहत महिला हितग्राहियों को अपना रजिस्ट्रेशन और आधार अपडेट कराना था, इस कवायद के दौरान विदिशा की एक महिला को जब यह पता चला कि दरअसल दस्तावेजों में तो उसकी मौत हो जाना लिखा है, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। अपने स्तर पर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि ग्राम पंचायत के सचिव की यह कारस्तानी थी, जिसने जिंदा महिला को कागजों में मृत घोषित कर दिया। सबसे बड़ी बात यह है कि इस गफलत के कारण महिला को लाड़ली बहना योजना का लाभ नहीं मिल पाया।
विदिशा जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसे देख, सुनकर हर कोई हैरान है, विदिशा के लटेरी के उनारसीकला ग्राम की महिला सुशीला बाई को कागजों में पंचायत सचिव ने मृत घोषित कर दिया है। उक्त महिला सरकार के नकारा सिस्टम के कारण शिवराज की महत्वाकांक्षी योजना लाडली बहना के लाभ से भी वंचित रह गई। 27 साल की सुशीला कुशवाह जीवित तो है मगर उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया गया, और उस महिला को अपने जिंदा होने का सबूत लेकर दर दर घूमना पड़ रहा है, लेकिन उसे एक भी ऐसा अधिकारी नहीं मिल रहा जो उसे जीवित घोषित कर दे।
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समग्र आईडी में किया हेरफेर
कागजों में मृत महिला सुशीला ने जानकारी देते हुए बताया कि उसे ग्राम पंचायत के समग्र आईडी में मृत घोषित कर दिया गया वहीं महिला के पति ने भी सचिव आसिफ़ खान पर महिला को कागजों में मृत घोषित करने का आरोप लगाया है। महिला के द्वारा संबंधित अधिकारियों को लिखित एवं मौखिक शिकायत की जा चुकी है लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला है। वहीं इस मामले में एसडीएम निकिता तिवारी ने हैरानी जताते हुए सचिव के खिलाफ एक्शन के साथ ही तीन दिन में जांच का भरोसा दिया है।
एक दर्द यह भी
इधर महिला किसी प्रकार से खुदको जीवित घोषित कराने की जद्दोजहद कर रही है, तो वहीं उसे एक दर्द यह भी है कि उसके आस पड़ोस की सभी महिलाएं लाड़ली बहना योजना का लाभ पा चुकी हैं, उनके खातों में एक-एक हजार रुपए आ गए। सुशीला का कहना है कि कुछ महीने बाद वह जिंदा घोषित कर भी दी जाएगी तो उसे लाड़ली बहना योजना का लाभ देर से मिलेगा। इस बीच जितने माह बीतेंगे, उतने हजार रुपए का उसे नुकसान होगा, उसने मांग की है कि उसको होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति उक्त पंचायत सचिव के वेतन से किया जाए।