Jaipur. इस साल अक्टूबर-नवंबर में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। इस लिहाज से सभी पार्टियां इन चुनावों की तैयारियों में लगी हुई हैं। बीजेपी की बात की जाए तो पार्टी को इस बार सबसे ज्यादा उम्मीदें राजस्थान से हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि इस राज्य की जनता अब तक हर 5 साल में सरकार बदलती आई है। बीजेपी यहां सिर्फ प्रत्याशी चयन पर फोकस कर रही है। प्रत्याशी चयन के लिए बीजेपी ने कुछ फॉर्मूले भी बनाए हैं।
राजनैतिक फीडबैक लिया जा रहा
बीजेपी ने प्रत्याशियों के चयन के लिए राजस्थान में राजनैतिक फीडबैक लेने पार्टी में एक अलग सेल को सक्रिय कर दिया है। इस सेल की कमान कैलाश विजयवर्गीय के हाथों में सौंपी गई है। यह सेल राज्य में जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दों और संभावित विपक्षी उम्मीदवार की थाह लेकर प्रत्याशी चयन में अहम भूमिका निभाएगा।
प्रदेश संयोजकों की तैनाती
राजस्थान के साथ-साथ बीजेपी के असर वाले तीनों राज्यों राजस्थान, मप्र और छत्तीसगढ़ में अनुभवी नेताओं को प्रदेश संयोजक के रूप में तैनात किया जा चुका है। राजस्थान में शैलेंद्र भार्गव को यह जिम्मेदारी दी गई है।
बीते चुनाव से भी लिया जाएगा सबक
राजनैतिक फीडबैक सेल की टीमें हर विधानसभा में जातीय समीकरण का विश्लेषण कर यह पता लगाएगी कि बीते चुनाव में किस जाति वर्ग के विरोध या पक्ष में आने के कारण पार्टी की जीत या हार हुई थी।
संभावित विपक्षी उम्मीदवार पर भी नजर
यह सेल बीजेपी के राष्ट्रीय और प्रदेश आलाकमान को राज्य की सभी सीटों पर कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के साथ-साथ अन्य दलों की तैयारियों के बारे में भी पूरी रिपोर्ट पेश करेगा। यह जानकारी भी दी जाएगी कि किस उम्मीदवार के सामने कौन सा उम्मीदवार प्रभावी होगा।
क्षेत्रीय दलों की स्थिति को भी तौलेंगे
बीजेपी का यह सेल बीएसपी, आम आदमी पार्टी और आरएलपी जैसे दलों की जमीनी स्थिति और तैयारियों पर भी फीडबैक जुटाएगा। एआईएमआईएम की गतिविधियों पर भी खास नजर रहेगी। इसके अलावा पार्टी नेताओं की आपसी खींचतान और गुटबाजी की रिपोर्ट भी यह सेल आलाकमान तक पहुंचाएगा।