BHOPAL. अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराए जाने के बाद कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। आचार्य प्रमोद कृष्णम समेत कई कांग्रेस नेता पार्टी आलाकमान के निर्णय को गलत ठहरा चुके हैं। धार में तो कांग्रेस प्रवक्ता ने निमंत्रण अस्वीकार के करने के फैसले को पीड़ादायक बताते हुए पार्टी से इस्तीफा तक दे दिया है। अब मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्रीय नेताओं के निर्णय का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने पर एक लाख से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता श्रीराम भगवान के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे।
'कांग्रेस का हर कार्यकर्ता करेगा राम मंदिर के दर्शन'
शिवपुरी में पत्रकारों से चर्चा में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि भगवान राम से सभी जुड़े हैं। मैं हिंदू हूं और हिंदू पद्धति से ही जीवन यापन करता हूं, देश के करोड़ों लोग करते हैं, राम में जो विश्वास करते हैं, वे सब तीर्थ दर्शन के लिए जाएंगे। मैं भी जाऊंगा, बार- बार जाऊंगा। लेकिन धर्म का राजनीति से वास्ता नहीं होना चाहिए। धर्म और आस्था व्यक्तिगत विषय है। मंदिर निर्माण पूर्ण होने और प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मध्यप्रदेश से भी कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता दर्शन करने जायेंगे, कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में जाएंगे। हमारा केन्द्रीय नेता भी मंदिर निर्माण पूर्ण होने और विधि विधान से भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद दर्शन करना चाहते हैं।
बीजेपी का कार्यक्रम बताकर कांग्रेस ने ठुकराया निमंत्रण
दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ने अधूरे मंदिर के निर्माण में प्राण प्रतिष्ठा करने और बीजेपी पर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाकर आमंत्रण को अस्वीकार किया है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद पार्टी चौतरफा घिर गई। आलाकमान के फैसले से पार्टी नेताओं ने नाराजगी जताते हुई सवाल उठाए है। पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने श्रीराम के मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार करने को पीड़ादायक बताया है।