BHOPAL. सिवनी और छिंदवाड़ा में पुलिसकर्मियों की हत्या और प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने मोहन सरकार पर हमला बोला। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने अपराधों और कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को मौन बताते हुए कई गंभीर सवाल उठाए हैं। वहीं जीतू पटवारी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक कार्यक्रम बताया है।
आपके मौन-व्रत से बढ़ रही मुसीबत
जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पोस्ट पर लिखा कि मुख्यमंत्री जी, पिछले दो दिन का ही अनुपात निकाला जाए, तो प्रतिदिन ड्यूटी कर रहे एक पुलिसकर्मी की हत्या हो रही है! अपराधियों के हौसले बुलंद हैं! लेकिन, आप मौन हैं! मध्य प्रदेश में रोजगार के लिए सरेआम बेटी की आबरू मांगी जा रही है! लेकिन, आप मौन हैं! मोदी की गारंटी वाले वादे के बाद लाड़ली बहनें 3 हजार रुपए प्रतिमाह की मांग कर रही हैं! लेकिन, आप मौन हैं! पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के प्रतिमाह 1 लाख नौकरियां के वादे पर युवा जवाब मांग रहे हैं! लेकिन, आप मौन हैं! महिलाओं को महंगाई से निजात दिलाने के लिए 450 रुपए रुपए में सिलेंडर देने का वादा बीजेपी ने ही किया था! महिलाएं उम्मीद लगाए बैठी हैं! लेकिन, आप मौन हैं! डॉ. मोहन यादव जी मोहन ही बने रहें, मौन में न रहें! क्योंकि, आपका मौन-व्रत अब मध्यप्रदेश की मुसीबत बढ़ा रहा है!
पुलिस पर हमले के मामले में सरकार पर साधा निशाना
सिवनी और छिंदवाड़ा में पुलिस पर हमले की घटना पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव की सरकार पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बता दे कि मध्यप्रदेश में दो दिन में पुलिस पर हमले की बड़ी वारदात हुईं, सिवनी और छिंदवाड़ा में ये घटनाएं हुईं। छिंदवाड़ा में अपराधियों ने बोलेरो से कुचलकर असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की हत्या कर दी थी, वहीं सिवनी में हेड कांस्टेबल को गोली मार दी थी। इसमें दो मामलों में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिसकर्मी शहीद हुए। हालांकि सीएम मोहन यादव ने दोनों पुलिसकर्मियों को शहीद का दर्जा देकर परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की राशि देने का ऐलान किया है।
अयोध्या में राजनीतिक कार्यक्रम: पटवारी
वहीं जीतू पटवारी ने अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक कार्यक्रम बताया है। उन्होंने पोस्ट में बताया कि 22 जनवरी का कार्यक्रम एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है। जो सचमुच धर्म को मानते हैं, वे अपने जीवन में धर्म का प्रयोग करते हैं, मैं अपने धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता हूं, मैं अपने धर्म के सिद्धांतों पर जिंदगी जीने की कोशिश करता हूं।