संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट इंदौर की डबल बेंच ने पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर लगाई गई पीआईएल (जनहित याचिका) को खारिज कर दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता रघुनंदन सिंह परमार पर कोर्ट का कीमती समय जाया करने के लिए 10 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई है, जो उन्हें 30 दिन के भीतर जमा करानी होगी।
हाईकोर्ट ने इस आधार पर खारिज की याचिका
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मध्यप्रदेश शासन पहले ही 19 जुलाई को आदेश जारी कर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच के निर्देश दे चुका है। साथ ही इस मामले में याचिकाकर्ता ने मध्यप्रदेश शासन को किसी भी तरह का रिप्रेजेंटेशन देकर मांग रखने की जगह सीधे कोर्ट की ओर रुख किया, जिसके चलते कोर्ट का कीमती समय खराब हुआ। ऐसे में उन पर कॉस्ट लगाई जाती है।
शासन ने कहा- राजनीतिक माइलेज के लिए लगी है याचिका
शासन की ओर से इसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता ने राजनीतिक माइलेज पाने के लिए PIL लगाई गई थी, जिससे उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान लाभ हो। साथ ही हाईकोर्ट के पीआईएल के लिए जारी नियमों को अनदेखा किया गया है, ये याचिका केवल कुछ खबरों के आधार पर लगाई गई है, जिसमें कुछ भी फैक्ट याचिकाकर्ता के पास नहीं थे। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता रघुनंदन परमार उर्फ रघु परमार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के करीबी हैं और विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार हैं।
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याचिकाकर्ता ने ये पक्ष रखा था
याचिकाकर्ता परमार ने इस मामले में मध्यप्रदेश शासन के साथ ही चेयरमैन ESB को पार्टी बनाया था। इनके आरोप थे कि पटवारी भर्ती परीक्षा बहुत बड़ा घोटाला है और इसके चलते राज्य शासन को नुकसान होगा और युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ होगा। इसलिए इस मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी बनाकर की जानी चाहिए।