JAIPUR. अलवर और नीमराना के पीएचईडी अफसरों को बीती रात 2.20 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। दोनों को जयपुर के पोलो विक्ट्री के पास से पकड़ा गया है। आरोपी अलपर से जयपुर रिश्वत लेने पहुंचे थे। इसके साथ ही रिश्वत देने वाले ठेकेदार और 2 दलालों को भी दबोचा गया है। ये गिरफ्तारी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने की है।
बिल पास करने के बदले में ली रिश्वत
एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के बताया कि अलवर पीएचईडी में कार्यरत अधिकारियों ने बिल पास करने के बदले में रिश्वत ली। इसकी जानकारी उन्हें पहले ही मिल गई थी। इस गिरफ्तारी के लिए प्रियदर्शी ने अपने मोबाइल को सर्विलांस पर रख दिया था। जिसकी मदद से उन्हें ये कामयाबी हासिल हुई। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए एक्सईएन मायालाल सैनी बहरोड़ और जेईएन प्रदीप नीमराना में कार्यरत है। इन्हें रिश्वत देने वाले ठेकेदार पदमचंद जैन और उसकी कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह सहित एक अन्य व्यक्ति भी घेरे में आया है। इस दौरान एसीबी ने आरोपियों के घर, ऑफिस और अन्य ठिकानों पर जांच की।
ईडी की नजर में थी ठेकेदार की कंपनी
आपको बता दें कि ठेकेदार पदमचंद जैन की फर्म श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और उसके एक रिश्तेदार की कंपनी श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी पर ईडी की नजर थी। इन दोनों कंपनियों पर फर्जी आय और अनुभव प्रमाण पत्र बनवाकर 900 करोड़ रुपए का टेंडर लेने और जयपुर के इंजीनियर्स के साथ मिलीभगत का आरोप था। बता दें कि विभाग के जेईएन से लेकर एडिशनल चीफ इंजीनियर भी ठेकेदार के होटल में बैठकर बिल बनाते थे। पाइप लाइन और टंकियों की माप पुस्तिका भरकर फाइनल बिल बनाए जाते थे और इंजीनियरों के उस पर साइन होते थे। ये सिलसिला पिछले 1 साल से चल रहा था।