संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की अवैध कॉलोनियों के पीड़ितों के साथ ही भूमाफियाओं और आईडीए की स्कीमों से परेशान भूखंडधारियों ने अब इंदौर पीड़ित भूखंडधारी महासंघ बनाया है। इसमें 114 अवैध कॉलोनियों के 50 हजार भूखंडधारियों जिसमें कुल दो लाख मतदाता आते हैं, वह शामिल किए जाएंगे। फिलहाल 13 क़ॉलोनियों के लोग एक मंच पर आए हैं। मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए इन्होंने आईडीए को सबसे बड़ा भूमाफिया बताते हुए फिर कहा कि 25 साल से लड़ाई के बाद भी कुछ नहीं मिला। खुद इंदौर में सीएम शिवराज सिंह चौहान कह गए कि गाड दूंगा रे भूमाफियाओं, मेरा प्रदेश छोड़ दो रे, लेकिन हुआ कुछ नहीं। सभी ने बुधवार से चरणबद्ध आंदोलन करने की और कुछ निकाल नहीं हुआ तो विधानसभा चुनाव में गणित बदलने ताक की बात कही है। नारा दिया गया- अबकी बार किसकी सरकार? जो कॉलोनी वैध करे इस बार।
पीड़ित महासंघ का इस तरह चलेगा आंदोलन, सीएम निवास घेरेंगे
पीड़ित महासंघ की प्रेस कांफ्रेस में मुख्य तौर पर अयोध्यापुरी क़ॉलोनी यानि देवी अहिल्या सोसायटी, मजदूर पंचायत सोसायटी की पुष्पविहार क़ॉलोनी के पीडित, न्याय नगर संस्था के पीड़ित. तुलसीनगर का रहवासी संघ, श्री महालक्ष्मी नगर संघ के सदस्य मौजूद थे।
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आंदोलन इस तरह चरणबद्ध चलेगा
- बुधवार को सुबह साढ़े 11 बजे आईडीए में प्रदर्शन करेंगे।
- 24 अगस्त गुरूवार को कलेक्टर परिसर में प्रदर्शन, समय दोपहर एक बजे
- 25 अगस्त शुक्रवार को नगर नगिम परिसर में महापौर व अधिकारियों से मुलाकात और अधिकारियों की हठधर्मिता को लेकर विरोध
- चार सितंबर सोमवार को चलो भोपाल आंदोलन. सीएम निवास पर प्रदर्शन करेंगे।
आईडीए क्यों है सबसे बड़ा माफिया
द सूत्र ने पहले भी लगातार यह न्यूज चलाई है कि दीपक मद्दा, सुरेंद्र संघवी जैसे भूमाफियाओं ने पहले भूखंडधारियों का हक मारा और अब आईडीए इन सभी से बड़ा भूमाफिया साबित हुआ है। सालों से वह स्कीम घोषित कर बैठा है लेकिन ना खुद विकास कर रहे हैं, ना लोगों को एनओसी जारी कर मकान बनाने की मंजूरी दे रहे हैं और ना ही नगर निगम को एनओसी जारी कर रहा है कि वह इन्हें वैध कर सकें। अयोध्यापुरी को लेकर तो सालों पहले ही एनओसी जारी हो चुकी है लेकिन इसे ही रद्द कर मामला शासन स्तर पर पहुंचा दिया गया।
उधर अयोध्यापुरी रहवासियों का आरोप है कि उधऱ् जिला प्रशासन ने एक शिकायत पर संबंधित प्लाटों की जांच की जगह पूरी कॉलोनी की ही जांच खोल दी और किसी भी संस्था की जांच नहीं हो रही है। वहीं पुष्पविहार वाले भी सालों से आईडीए से एनओसी मांग रहे हैं लेकिन नहीं मिल रही है। मजदूर पंचायत सोसायटी में ही 13 कॉलोनियों के कई पीड़त है. इसी तरह अयोध्यापुरी में करीब 400 पीड़ित है। उधर तुलसी नगर रहवासी संघ भी नियमितीकरण में ठगा महसूस कर रहा है, जबकि वैध करने की इंदौर में मांग उन्हीं के द्वारा सबसे पुरजोर तरीके से उठाई गई थी और उनका ही नाम पहली सौ वैध कॉलोनी की सूची से गायब रहा। उधर पिंटू छाबड़ा, हनी-टनी यानि केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी जैसे कई बडे भूमाफियाओं ने सोसायटी की जमीन खरीद कर अपने पास रख ली।
अबकी बार किसकी सरकार, जो कॉलोनी वैध करे इस बार
भगवान श्री श्रीरामजी का वनवास 14 साल मे और पांडवो का वनवास और अज्ञातवास भी 14 साल मे खत्म हो गया पर अयोध्यापुरी का नहीं खत्म हो रहा है| माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर मे कहा था कि अयोध्यापुरी कॉलोनी को सबसे पहले वैध करो, “गाड दूगा रे भूमाफियाओ, मेरा प्रदेश छोड़ दो रे” पर हुआ कुछ नही,ना माफिया गए ना ही ऑफिसर्स कोई काम होने दे रहे है, हर बार अड़ंगे पर अड़ंगे लगा रहे है| यहाँ मुख्यमंत्री की कोई नहीं सुन रहा है|
मुख्यमंत्रीजी हर बार,बार बार वोट दिए है आपको, इंदौर शहर मे 114 कॉलोनी आईडीए की वजह से वैध नहीं हो रही ही, अयोध्यापुरी को दो बार एनओसी देकर वापस ले ली गई है, क्यों कोई पूछने वाला नहीं है। हम 50 हजार प्लाट होल्डर है करीब दो लाख वोट है, अबकी बार किसकी सरकार? उसी की जो कॉलोनी वैध करे। अयोध्यापुरी मेंभूमाफिया द्वारा प्रायोजित शिकायत कलेक्टर साहब को कराई,एक सुनियोजित षड़यंत्र किया ताकि सदस्यों को प्लाट नहीं मिले। 25 वर्ष से ज्यादा हो गए है प्लाट लिए हुए आज जांच कि याद आ रही है, इसके पहले क्यों नहीं कि जांच? सालों से हमारा ही कब्जा, कुछ अधिकारी पूरे मामले को भूमाफियाओं की खातिर विवादित बनाए रखना चाहते हैं।