नई दिल्ली. कोर्ट ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हस्ताक्षर के साथ लिखित माफी मांगने का निर्देश दिया है। उन पर पूर्व आरएसएस प्रमुख गोलवलकर गुरुजी के खिलाफ एक्स पर एक कथित अपमानजनक पोस्ट अपलोड करने का आरोप है। ठाणे की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को इस केस में निर्णय दिया।
दरअसल, आरएसएस के स्वयंसेवक विवेक चंपानेरकर ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि दिग्विजय सिंह ने 8 जुलाई, 2023 को सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डाली। इसके लिए कोर्ट उन्हें कांग्रेस नेता से मानहानिकारक पोस्ट के लिए मुआवजे और क्षतिपूर्ति के रूप में 1 रुपया वसूलने का अधिकार दे।
बिना माफी केस बंद करने का विरोध
गुरुवार को दिग्विजय सिंह की ओर से पेश वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटा दी गई है। इसलिए अब कोई वजह नहीं बचती है कि दिग्गज कांग्रेस नेता के खिलाफ अदालत में दायर मानहानि की शिकायत को और आगे खींचा जाए। हालांकि, शिकायतकर्ता चंपानेरकर की ओर से पेश वकील आदित्य मिश्रा और सुरभि पांडे ने दिग्विजय सिंह से लिखित माफी के बिना मामले को बंद करने का विरोध किया।
आरएसएस को बदनाम किया
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता चंपानेरकर ने कोर्ट में दावा किया था कि सिंह की पोस्ट ने वादी के संगठन यानी आरएसएस को बहुत बदनाम किया है और चंपानेरकर को व्यक्तिगत रूप से बहुत आहत किया है। इसलिए दिग्विजय सिंह पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत दंडनीय अपराध के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है।