संजय गुप्ता, INDORE. केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इनके भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए समिति की बैठक हो गई है और इसके लिए निर्देश जारी किए जाने पर सहमति बनी है। मोटे तौर पर कोचिंग संस्थान सौ फीसदी नौकरी की गारंटी जैसे दावे और यहां पढ़ने से विविध सिविल सर्विस या अन्य परीक्षाओं की प्री, मैंस निकल जाएगी जैसे दावे भी नहीं कर सकेंगे।
समिति की नई दिल्ली में हुई बैठक
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कोचिंग स्तर पर भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में निर्देश तैयार करने के लिए समिति गठित की है, जिसकी पहली बैठक हो चुकी है। इसमें मोटे तौर पर नियम तय करने पर बात की है। बैठक में सीसीपीए के मुख्य आयुक्त रोहित सिंह के साथ ही आयुक्त कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली आदि के प्रतिनिधि मौजूद थे।
मोटे तौर पर यह निर्देश बनाने पर सहमति
- कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवार की फोटो के साथ ही जानकारी भी जारी करेगा, जिसमें सफल उम्मीदवार द्वारा प्राप्त रैंक, उसके द्वारा चुना गया पाठयक्रम, कोर्स की अवधि, कोर्स पेड था या निशुल्क यह जानकारी भी होगी।
- कोचिंग यह दावा नहीं करेगा कि वह सौ फीसदी नौकरी दिला देगा। प्रारंभिक या मैंस परीक्षा में पास होने की गारंटी का दावा भी नहीं करेंगे।
- विज्ञापन में अस्वीकरण, प्रकटीकरण, महत्वपूर्ण जानकारी का फान्ट का साइज भी वही होगा जो दावे का होगा और दिखने वाले स्थान पर होगा। यानि दावे बड़े शब्दों में और शर्तें छोटे शब्दों में नहीं कर सकेंगे।
समिति के सामने यह मुद्दा भी आया
समिति के सामने यह बात भी आई कि कुछ कोचिंग संस्थान जानबूझक सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठयक्रम, उसकी अवधि और उम्मीदवारों द्वारा हुए भुगतान फीस के संबंध में अहम जानकारी छिपा लेते हैं।
जुर्माना लगेगा कोचिंग पर
समिति ने यह भी तय किया कि भ्रामक विज्ञापन पर कोचिंग संस्थान पर उपभोक्ता संरक्षण एक्ट 2019 के अनुसार कंट्रोल किया जाएगा और उनपर जुर्माना तय होगा। समिति के मुख्य आयुक्त रोहित सिंह ने कहा कि उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा के लिए चिंता मुख्य बात है। कोचिंग क्षेत्र में विज्ञापनों से संबंधित पहलुओं में स्पष्टता की जरूरत है। यह निर्देश सभी कोचिंग पर लागू होंगे चाहे वह ऑफलाइन हो या ऑनलाइन। कोचिंग द्वारा दिया गया विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण एक्ट के तहत आएगा। यह भी तय होगा कि अन्य बातों के साथ सफल उम्मीदवार की संख्या आदि भी सही हो।
द सूत्र ने उठाया था मुद्दा, एक ही सफल उम्मीदवार के कई कोचिंग करते हैं विज्ञापन
द सूत्र ने लगातार यह मुद्दा उठाया है कि देखने में आया कि एक सफल उम्मीदवार के विज्ञापन कई कोचिंग वाले करते हैं। भले ही उम्मीदवार ने किसी कोचिंग के यहां केवल नोट्स लिए हो या किसी के प्री की तैयारी तो किसी दूसरे के यहां मैंस की तैयारी की हो। कई उम्मीदवार इंटरव्यू की प्रैक्टिस के लिए भी कोचिंग के कोर्सेसे लेते हैं और फिर उसके सफल होने पर हर कोचिंग वाला दावा करता है कि वह उनके यहां से पढ़ा हुआ है और सफल हुआ है। इसके लिए कई कोचिंग वाले सफल उम्मीदवारों को ऐसा बोलने के लिए भी मोटी रकम देते हैं।
12वीं फेल मूवी में भी दिखाया है कोचिंग का खेल
हाल ही में रिलीज हुई 12th फेल मूवी में भी कोचिंग का खेल दिखाया गया है। किस तरह से किसी उम्मीदवार के यूपीएससी पास करने के बाद उन्हें मोटी रकम देकर उनसे बयान लिया जाता है, वह उनके यहां पढ़े हैं और उनकी फोटो का इस्तेमाल कर मोटी फीस पर कोचिंग में प्रवेश दिया जाता है।
इंदौर में भी जमकर चल रहा कोचिंग का खेल
मप्र में इंदौर एजुकेशन सेंटर होने के कारण कोचिंग का हब है। यहां तीन से चार लाख बच्चे बाहर के पढ़ते हैं, जो खासकर सिविल सर्विस की तैयारी के साथ ही नीट, जेईई की तैयारी करते हैं। यहां भी एक सफल उम्मीदवार पर कई कोचिंग वाले उनके यहां होने का दावा करते हैं। इंदौर में भंवरकुआं में सिविल सर्विस की कई कोचिंग ने इस बार भी साल 2020 और 2019 में पास कई उम्मीदवारों को लेकर एक साथ दावे किए कि वह उनके यहां से निकले हैं।