Jaipur. मध्यप्रदेश के बाद राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू राजस्थान की 3 दिवसीय यात्रा पर पहुंच चुकी हैं। वे आज 11 बजे राजस्थान के विधानसभा सत्र को संबोधित करेंगी। इसके बाद राष्ट्रपति के श्याम प्रभु खाटू के मंदिर के दर्शन का कार्यक्रम है। राष्ट्रपति के स्वागत में विधानसभा भवन को रोशनी से सजाया गया है। यह पहली बार है जब राजस्थान की विधानसभा में राष्ट्रपति संबोधन देने जा रहे हैं। इस दौरान सदन में राज्यपाल कलराज मिश्र भी मौजूद रहेंगे। इस विधानसभा सत्र में सरकार करीब 11 नए, संशोधित और पेंडिंग बिलों को पारित करवाएगी।
सेमिनार में लेंगी हिस्सा
शाम को राष्ट्रपति कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट एसोसिएशन की ओर से राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक दिवसीय सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगी। राज्यपाल कलराज मिश्र, सीएम अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी समेत नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी इस सेमिनार में अपने उद्बोधन देंगे।
श्याम प्रभु खाटू मंदिर के करेंगी दर्शन
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू राजस्थान में प्रसिद्ध खाटू श्याम प्रभु के मंदिर दर्शन के लिए जाएंगी। लोगों की हर मुराद पूरी करने वाले खाटू श्याम प्रभु का मंदिर राजस्थान में काफी प्रसिद्ध है। लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई मुराद को खाटू श्याम प्रभु अवश्य पूरा करते हैं।
विधानसभा में पेश होने हैं ये बिल
विधानसभा सत्र में राजस्थान सरकार बुजुर्ग, विधवा, एकल महिला को न्यूनतम 1000रु. पेंशन देने। राजस्थान विश्वविद्यालय में अस्थाई शिक्षक विधेयक, राजस्थान जेल विधेयक पेश करेगी। इसके अलावा राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान विधेयक, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज संस्थान विधेयक, राजस्थान प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल, राजस्थान सार्वजनिक भर्ती परीक्षा एक्ट लाने जा रही है। साथ ही पेंशन एवं रोजगार एक्ट, राजस्थान विधियां निरसन विधेयक, राजस्थान स्टेट मेला प्राधिकरण विधेयक, राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक भी विधानसभा में लाए जाने हैं।
इन बिलों से सबसे ज्यादा उम्मीदें
राजस्थान की जनता के लिए वैसे तो सभी बिल काफी महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं लेकिन पेंशन एवं रोजगार एक्ट के तहत मिनिमम इंकम गारंटी योजना में बुजुर्ग, विधवा और एकल महिला को कम से कम 1000रु. की पेंशन देने का प्रावधान है, जिसमें हर साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। साथ ही गांव और शहरों में मनरेगा के तहत 125 दिन रोजगार दिए जाने का प्रावधान होने के चलते इस बिल की काफी चर्चा है।