ग्वालियर आ रहीं प्रियंका गांधी, रानी लक्ष्मीबाई की समाधि से सिंधिया पर साधेंगी निशाना, नजर पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग पर

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Chandresh Sharma
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ग्वालियर आ रहीं प्रियंका गांधी, रानी लक्ष्मीबाई की समाधि से सिंधिया पर साधेंगी निशाना, नजर पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग पर

Gwalior. कांग्रेस की स्टार प्रचारक और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश के अपने दूसरे दौरे पर शुक्रवार को ग्वालियर में होंगी। अपने दौरे की शुरुआत वे रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पहुंचकर करेंगी। जाहिर है 1857 की क्रांति की महान नेत्री को श्रद्धासुमन अर्पित कर वे कांग्रेस से बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधने जा रही हैं। 1857 की क्रांति में सिंधिया राजघराने का क्या रोल था यह किसी से छिपा नहीं है। वैसे भी सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद यह पहला मौका होगा जब कांग्रेस यहां गांधी परिवार का कोई सदस्य रैली करने जा रहा है। 



ग्वालियर-चंबल संभाग से कांग्रेस को काफी उम्मीदें




2018 में कांग्रेस की जीत में इस सूबे ने महती भूमिका निभाई थी, कांग्रेस की कोशिश है कि इस संभाग में वह न सिर्फ अपने प्रदर्शन को दोहराए बल्कि सीटों में भी इजाफा करे। इसके लिए 20 फीसद दलित और ओबीसी वोटर्स को रिझाने का प्रयास किया जाएगा। दलित वोटर्स ने 2018 में कांग्रेस की जीत की नींव रखी थी। कांग्रेस इन्हें अपने साथ ही बनाए रखना चाहती है वहीं नौकरियों में 27 फीसद आरक्षण के मसले पर कांग्रेस ओबीसी वोटर्स को भी साधना चाहती है, क्योंकि यह फैसला कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ था। 



प्रियंका के आने से यह फायदा



राजनैतिक पंडित मानते हैं कि प्रियंका के ग्वालियर दौर पर आने से कांग्रेस को निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। कांग्रेस से ज्योतिरादित्य के बाहर निकलने के बाद यहां कांग्रेस का कोई बड़ा और असरदायक चेहरा बचा नहीं है। सिंधिया विभिन्न समाजों के सम्मेलनों में जाकर समर्थन जुटा रहे हैं। ऐसे में ग्वालियर में सीधे प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस को काफी हद तक अच्छे परिणाम मिलेंगे। कांग्रेस बसपा से कांग्रेस में ट्रांसफर हुए दलित वोटों को अपने साथ बनाए रखना चाहती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद दलित वर्ग से हैं और उन्हें पद देने में गांधी परिवार की पूरी भूमिका है। 



मायावती भी इरादा कर चुकी हैं साफ




इधर बसपा प्रमुख मायावती ऐलान कर चुकी हैं कि विधानसभा चुनावों में भी वे अपने प्रत्याशी उतारेंगी। ऐसे में कांग्रेस को दलित वोटर्स को अपने ही साथ रखने में मेहनत तो करनी ही पड़ेगी। 



सिंधिया की बगावत से जनता नाराज




कांग्रेस का यह मानना है कि सिंधिया की बगावत से जनता नाराज है। इसलिए इस बार वोट कांग्रेस को देगी। राजनैतिक पंडित भी मानते हैं कि सिंधिया के जाने से अब कांग्रेस अपने हिसाब से प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है, जो अभी तक सिंधिया की दखल के कारण मुमकिन नहीं था। सिंधिया के कहने पर ही प्रदेश की 60 सीटों पर उम्मीदवार चयनित होते थे। लेकिन अब सर्वे के आधार पर कांग्रेस अच्छे उम्मीदवारों को मौका दे सकती है। 


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