संजय गुप्ता, INDORE. पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले के आरोप लगने और द सूत्र के स्टिंग ऑपरेशन के बाद व्यावसायिक परीक्षा मंडल (पीईबी) भोपाल ने इन घोटाले को रोकने के लिए नया पैंतरा अपनाया है। इस पैंतरे से घोटाले रूके या नहीं, लेकिन दूसरे उम्मीदवार किसी और का रिजल्ट नहीं देख सकेंगे। जी हां, यही तरीका अपनाया है पीईबी ने। उन्होंने अब रिजल्ट और कोई भी जानकारी अपलोड करने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। इस नियम के सामने आने के बाद पीईबी की कार्यशैली को लेकर और सवाल खड़े हो गए हैं और विविध छात्र संगठन इसे घोटाले छुपाने की साजिश बता रहे हैं।
रिजल्ट अपलोड करने के लिए अब यह नए नियम
रिजल्ट देखने या कोई भी जानकारी उम्मीदवार को लेने के लिए पहले पीईबी के पोर्टल पर अपनी जन्मतारीख और रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होता था। पटवारी परीक्षा के दौरान भी विविध संगठनों ने कई उम्मीदवारों की यह जानकारी आपस में साझा की और कई लोगों के पूरे रिजल्ट कार्ड अपलोड कर वायरल कर दिए, जिससे कई खुलासे हुए। चाहें इसमें दिव्यांग सर्टिफिकेट की बात हो या फिर अन्य जानकारी। लेकिन अब नए नियम के तहत एडमिट कार्ड या अन्य जानकारी अपलोड करने के लिए इनके साथ ही माताजी के नाम के पहले दो वर्ड और आधार कार्ड के अंतिम चार डिजिट भी डालना अनिवार्य होगा, तभी उम्मीदवार कोई जानकारी पोर्टल से अपलोड कर सकेगा।
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कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा में शामिल होंगे 8.70 लाख उम्मीदवार
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा शुरू होने जा रही है इसके 7411 पदों के लिए 8.70 लाख उम्मीदवार मैदान में हैं। मप्र के साथ ही यूपी, बिहार व अन्य पडोसी राज्यों के भी उम्मीदवार शामिल है। इंदौर में सात केंद्रों पर रोज 4500 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा देते समय उम्मीदवारों की सख्ती से जांच होगी, उनके जूते-मोजे, बेल्ट तक देखे जाएंगे। परीक्षा 12 अगस्त से होना है। इसमें 14 दिन तक तीन शिफ्ट में पेपर होना है।
द सूत्र के स्टिंग के बाद मचा हुआ है हड़कंप
द सूत्र द्वारा स्टिंग के माध्यम से दलाल द्वारा पटवारी परीक्षा में चार उम्मीदवारों को पास कराए जाने के साथ ही कांस्टेबल परीक्षा के लिए 15 लाख में डील करने की बात सामने आनें के बाद हड़कंप मचा हुआ है। उम्मीदवार इस मामले में पारदर्शी प्रक्रिया होने के साथ ही पूरे घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इसके साथ ही नार्मलाइजेश पर सवाल खड़े हो रहे हैं और मांग की जा रही है कि ऑफलाइन परीक्षा कर एक ही दिन में पूरी परीक्षा होना चाहिए, जिससे इस फार्मूले की जरूरत ही नहीं हो। उधर, मप्र शासन ने इस पूरे मामले में और स्टिंग पर चुप्पी साध रखी है।