SAGAR. मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ने राजस्व विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की शिकायत पीएमओ से की है। उन्होंने बताया कि जमीन खरीदना, मकान बनाना और अन्य कामों को लेकर यहां रिश्वत मांगी जा रही है। इस दौरान प्रोफेसर ने पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर पत्र लिखा जिसमें उन्होंने राजस्व विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में बताया।
लाखों में मांगी जा रही रिश्वत
प्रोफेसर ने पीएम को लिखे हुए पत्र में कहा कि उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता के मकान बनवाने के सपने को पूरा करने के लिए एक जमीन खरीदी थी। लेकिन इसके लिए बहुत फीस मांगी गई, उन्होंने बताया कि जब वह रजिस्ट्री करवाने गए तो स्टांप और फीस के अलावा एक ऑफिस खर्चा नाम से हस्तलिखित पर्ची मिली गई। इस पर्ची पर दी जाने वाली रिश्वत का ब्यौरा था। यहां से बचने के लिए नामांतरण के 2 बार 10-10 हजार देने पड़े। यही नहीं बल्कि डायवर्सन में करीबन 1 लाख रुपए मांगे गए। इसमें से 50 हजार रुपए रेडक्रास सोसायटी की रसीद में लिए गए। बात यहीं नहीं रुकी, अब नक्शा पास कराने के बहाने 1 लाख 10 हजार की रिश्वत मांगी जा रही है और 55 हजार की रसीद के पैसे भी चुकाने पड़ेंगे। बता दें कि प्रोफेसर के साथ ये सब 2-3 साल पहले हुआ था।
उन्हें आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से कोई उम्मीद नहीं
पत्र में प्रोफेसर ने पूरी व्यवस्था पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सारे काम आज कंप्यूटर के दौर में सिंगल विंडो पर होने चाहिए ताकि भ्रष्टाचार कम हो। उन्होंने कहा कि उन्हें आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि उन्हें आम आदमी को परेशानी में देखने में ज्यादा आनंद आता है।