संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा और राज्य वन सेवा परीक्षा के प्री और मेंस के सिलेबस में बदलाव कर दिया है। इसके साथ ही मेंस के अंक सिस्टम, इंटरव्यू के अंक में भी बदलाव किया है। यह बदलाव राज्य सेवा और वन सेवा परीक्षा 2024 से लागू होंगे। मुख्य तौर पर द सूत्र द्वारा लगातार उठाई जा रही मांग को ध्यान में रखा गया है और साइंस के अलग पेपर को अब फिर पुराने सिस्टम में अर्थशास्त्र के साथ मिलाकर बनाया गया है। देखने में आ रहा था कि यह पेपर विशुद्ध साइंस का होने के चलते आर्ट साइड वाले उम्मीदवार इसमें कटऑफ अंक भी नहीं ला पा रहे थे और फेल हो रहे थे। इससे अब आर्ट साइड वालों को लाभ होगा। वहीं सिलेबस में मप्र का अधिक स्थान दिया गया है, इससे प्रदेश के मूल निवासियों को लाभ होगा।
मोदी का विजन, संस्कृति, आदिवासियों पर ध्यान
सिलेबस में देखने में आया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के विजन विकसित भारत 2047 पर फोकस किया गया है और उसी हिसाब से ही सिलेबस में बदलाव है। वहीं संस्कृति, पुरातन इतिहास, वेद इन सभी पर भी फोकस किया गया है। इन सभी को इसमें शामिल किया गया है। वहीं मप्र के आदिवासी वर्ग पर भी ध्यान दिया गया है। प्री में तो पूरा एक चैप्टर आदिवासी पर ही फोकस है।
कुल अब 1685 अंकों की परीक्षा
अभी मेंस 1400 अंक और इंटरव्यू 175 अंक इस तरह फाइनल चयन लिस्ट कुल 1575 अंक के आधार पर होती है। लेकिन अब मेंस 1500 अंक और इंटरव्यू 185 अंक के होंगे। कुल 1685 अंक से फाइनल मेरिट लिस्ट बनेगी।
प्री में इस तरह का बदलाव
प्री के परीक्षा पैटर्न में बदलाव नहीं है, वहां सिलेबस में बदलाव है। खासकर दसवें चेप्टर में पूरा मप्र की जनजातियों से जुड़े बिंदु रखे गए हैं और यहां पहले जो सिलेबस था उसे पूरी तरह से बदल दिया गया है। इसी तरह अन्य चैप्टर में भी बदलाव है और इतिहास व अन्य सिलेबस के बिंदुओं को और स्पष्ट करते हुए बदलाव किया गया है। प्री के दो ही पेपर होंगे, जो 200-200 अंक के (सौ-सौ प्रश्न) के होंगे। हालांकि इसमें नेगिटिव मार्किंग शुरू करने की मांग थी, जिसे फिलहाल आयोग ने मान्य नहीं किया। इस बार भी देखने में आया है कि कटऑफ 81 फीसदी पर गया है जो अन्य राज्यों की परीक्षा से काफी अधिक है। राज्य सेवा परीक्षा के लिए मेरिट पहले पेपर से बनेगी और राज्य वन सेवा के लिए दोनों पेपर के आधार पर बनेगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रश्न के एक से अधिक विकल्प सही है तो उन सभी को मान्य किया जाएगा, जैसे कि राज्य सेवा परीक्षा 2023 में पांच प्रश्नों में किया गया है और यदि विकल्प गलत होंगे तो प्रश्न को डिलीट किया जाएगा और इसके अंक सभी को समान दिए जाएंगे।
मेंस के लिए यह बदलाव
मेंस में अभी 6 प्रश्नपत्र होते थे और कुल अंक 1400 थे। लेकिन अब इन प्रश्नपत्रों के कुल अंक 1500 होंगे। सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्र दो-दो ए व बी खंड में आएंगे और हर खंड के अंक 150-150 होंगे। यह चार प्रश्नपत्र कुल 1200 अंक के होंगे, पांचवा प्रशनपत्र हिंदी का होगा जो 200 अंक का और एक प्रश्नपत्र हिंदी निबंध का होगा, जो 100 अंक का होगा। पांचवे प्रश्नपा का समय दो घंटे और छठे का ढाई घंटे होगा, बाकी चार सामान्य अध्ययन पेपर के लिए समय तीन-तीन घंटे रहेगा। आयोग ने अब प्रश्नों के मार्किंग सिस्टम में भी बदलाव किया है। चार सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र में अब अति लघुउत्तरीय, लघु उत्तरीय व दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के अंक अब क्रमश: दो, सात और दस होंगे। हर खंड ए व बी में में इनकी संख्या क्रमश: 15, 10 व 5 होगी। शब्द सीमा अधिकतम 20, 60 व 200 होगी। सिलेबस में भी बदलाव किया गया है।
इंटरव्यू में इस तरह बदलाव
इसी तरह आयोग ने इंटरव्यू के अंकों में बदलाव किया है। अब इंटरव्यू 175 अंक की जगह 185 अंकों का होगा। हालांकि इसे लेकर उम्मीदवार ज्यादा खुश नहीं है। कारण है कि अभी भी देखने में आया है कि इंटरव्यू के अंकों में खासा अंतर होता है। साल 2019 व 2020 के रिजल्ट में ही देखा गया है कि चयनित उम्मीदवारों में ही किसी को इंटरव्यू में 175 में से 150 अंक तक मिले हैं तो किसी को 80 से लेकर 100 तक अंक मिले हैं। इसके चलते उम्मीदवारों के रेंक में बहुत बदलाव आ जाता है और कई बार तो वह अंतिम चयन में ही पिछड़ जाता है। अब इंटरव्यू में अंक 185 होने से उम्मीदवारों के रेंक में काफी असर होगा। अधिकांश राज्यों के लोक सेवा आयोग में इंटरव्यू के कम अंक होते हैं, जैसे बिहार लोक सेवा आयोग में सौ ही अंक का होता है। हालांकि मेंस में सौ अंक की बढोतरी हुई है, जिससे इंटरव्यू के अंकों का प्रभाव कुछ कम होगा।