Kathmandu. प्रचंड चार दिन की भारत यात्रा के बाद तीन जून को काठमांडू लौटे हैं। सोमवार (6 जून) को नेपाल की संसद में सदस्यों के सवालों के जवाब में प्रधानमंत्री प्रचंड ने उन्हें भारत के साथ हुए समझौतों की जानकारी दी। एक सदस्य ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भगवा रंग का अंगवस्त्र पहनने पर प्रचंड से सवाल किया। इसपर प्रचंड ने कहा कि किसी को भी किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक मान्यता को कम करके आंकने का अधिकार नहीं है। इसलिए इस तरह का सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए। प्रचंड ने कहा कि वह पंथ निरपेक्षता में विश्वास रखते हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
नेपाल और भारत मिलकर सुलझाएंगे सीमा विवाद
भारत के साथ सीमा विवाद पर नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने सोमवार को महत्वपूर्ण बयान दिया। कहा, दोनों देशों के अधिकारी बैठकर वार्ता के जरिये इस मसले को निपटाएंगे। प्रचंड चार दिन की भारत यात्रा के बाद तीन जून को काठमांडू लौटे हैं। दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचंड का यह पहला विदेश दौरा था।
दोनों देश बातचीत के जरिये सभी मतभेदों को दूर करने पर सहमत
भारत यात्रा के दौरान प्रचंड की बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई थी। दोनों नेताओं ने मैत्रीपूर्ण तरीके से सीमा विवाद को खत्म करने पर सहमति जताई थी। नेपाली संसद में सदस्यों के सवालों के जवाब में प्रधानमंत्री प्रचंड ने उन्हें भारत के साथ हुए समझौतों की जानकारी दी। कहा कि दोनों देश बातचीत के जरिये सभी मतभेदों को दूर करने पर सहमत हैं। प्रचंड ने बताया कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई मसलों पर महत्वपूर्ण वार्ता हुई। इसमें देश के राष्ट्रीय हितों और संप्रभुता पर चर्चा भी शामिल थी।
सदियों पुराने संबंधों में 2020 में आ गया था तनाव
मालूम हो, भारत और नेपाल के सदियों पुराने संबंधों में 2020 में उस समय तनाव आ गया था जब तत्कालीन नेपाली सरकार ने भारतीय क्षेत्र-लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख पर अपना अधिकार जताते हुए उन्हें अपने राष्ट्रीय मानचित्र में शामिल कर लिया था। भारत ने नेपाल सरकार के इस एकतरफा कदम पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे द्विपक्षीय संबंधों को खराब करने वाला बताया था। इसके बाद दोनों ओर से मतभेदों को दूर करने की कोशिश हुई।