छत्तीसगढ़ में बिजली ठेकेदार हड़ताल पर, विभाग पर आरोप - मंत्री सिंहदेव के निर्देश के बाद भी जारी है मनमानी

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में बिजली ठेकेदार हड़ताल पर, विभाग पर आरोप - मंत्री सिंहदेव के निर्देश के बाद भी जारी है मनमानी

नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिकल कांट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन 31 जुलाई से हड़ताल पर जा रहा है। इलेक्ट्रिकल एसोसिएशन आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन करेगा। जिसके कारण प्रदेश में 31 जुलाई से विद्युत विभाग के सभी कार्य बंद हो जाएंगे। यानी छत्तीसगढ़ में विद्युत विभाग में काम करने वाले सभी इलेक्ट्रिकल संगठन लामबंद हो जाएंगे। आशंका है कि इससे विद्युत विभाग का काम अनिश्चितकाल तक ठप हो जाएगा। 



ठेकेदारों का विभाग पर गंभीर आरोप




बिजली ठेकेदारों का सीधा आरोप विद्युत विभाग में किए जा रहे टेंडर हैं। बिजली ठेकेदार संघ का आरोप है कि यह ऑनलाइन मोड पर किए जा रहे हैं। इसमें 4 से 5 लाख रुपए के होने वाले टेंडर भी ऑनलाइन हो रहे हैं।विवाद का मसला यहाँ पर है। ठेकेदार संघ से जुड़े लोगों का दावा है कि, छोटे ठेके में अधिकतर वे हैं जिन्हें तत्काल करने की जरुरत होती है। इनमें कहीं ट्रांसफ़ॉर्मर से लेकर तार बदलने जैसे काम शामिल हैं, इनके लिए ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया से विलंब तो होगा ही, साथ ही अव्यवस्था बढ़ेगी।एक तर्क यह भी है कि जिस कैटेगरी को ऑफलाइन करने की मांग है वो श्रेणी-4 के ठेकेदार हैं जो 5 लाख तक की सीमा वाले निविदा पर ही आश्रित हैं।जिसमें कि उनके घर वालों के साथ-साथ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से उनके श्रमिक भी उन्ही पर आश्रित होते हैं। ठेकेदार संघ का दावा है कि इस मसले को लेकर उर्जा मंत्री टी एस सिंहदेव ने सहानुभूतिपूर्वक नज़रिया दिखाया और अधिकारियों को निर्देशित भी किया है, लेकिन अधिकारी हठधर्मिता पर आमादा हैं, इसलिए हड़ताल के अलावा विकल्प नहीं है।



ये हैं मांगे 



छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन इन 8 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल करेगा–



1. 5 लाख तक कि निविदाओं को यथावत् यानी ऑफलाईन रखा जावें ।




2. फण्ड की व्यवस्था विभाग करे ना कि ठेकेदार



3. SE. ऑफिस बिल काउंटर साईन के लिये नही जाना चाहिए।



4. बिल जमा करने के बाद एक निश्चित समय सीमा में बिल पास हो जाना चाहिए, जिसका कि पालन किया जाना चाहिए।



5. यदि ठेकेदार आपके विभाग के पंजीकृत वेण्डर्स से सामान ले तो सामान की दोबारा जाँच कि आवश्यकता नही होनी चाहिए।



6. पंप के कार्य की निविदाएँ को नये SOR से प्रोजेक्ट से ना करके O&M डिवीजन से करवाया जाना चाहिए ताकि कार्य पूर्ण करने में कोई परेशानी ना हो।



7. SOR में मटेरियल में ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 4% फिक्स कर दिया गया है, जिसे कि पूर्व की भांति वजन एवं दूरी से दिया जावें।



8. पंजीकृत ठेकेदारों से विभाग द्वारा सिलिंग लिमिट हेतु राशि लिया जाता है, अतः पूर्व की भांति कोई भी निविदा हेतु अलग से टेण्डर फीस राशि न ली जाए।



विद्युत कंपनी ने ख़ारिज किए आरोप




ठेकेदारों के ऑनलाइन के विरोध में जाने को लेकर विद्युत कंपनी के अपने तर्क हैं। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने कहा है कि, यह व्यवस्था वैकल्पिक है कि ठेकेदार ऑनलाइन शामिल हो या ऑफ़लाइन। बिजली कंपनी के अधिकारियों का यह भी मानना है कि, ठेकेदार रिंग बनाकर ठेके ले रहे थे जिससे विवाद की स्थिति हो रही थी।विभाग को भी इससे नुक़सान हो रहा था। बिजली कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि ऑनलाइन की व्यवस्था से एक ही काम को अलग अलग ठेकेदार नहीं कर पाएँगे, हालिया दिनों यह शिकायत भी आई थी।


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