नितिन मिश्रा,RAJNANDGAON. राजनांदगांव में निगम कर्मियों को बीते 3 महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। साढ़े सात सौ निगम कर्मचारियों को वेतन देने के लिए हर महीने ढाई रूपए की जरूरत होती है। नगर निगम ने शासन से वेतन देने के लिए 9 करोड़ रुपयों की मांग की है।
3 महीने से नहीं मिला वेतन, कर्मचारियों में नाराजगी
जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव नगर निगम की माली हालत खस्ता है शहर के विकास कार्यों में लगे रहने वाले निगम अपने कर्मचारियों को ही वेतन नहीं दे पा रहा है निगम में साढ़े सात सौ नियमित और अनियमित कर्मचारी हैं। जिन को वेतन देने के लिए ढाई सौ करोड़ रुपए की आवश्यकता हर महीने होती है। लेकिन तीन महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है। कर्मचारियों की यह हालत है कि उन्हें कर्ज लेकर घर खर्च चलाना पड़ रहा है। हालांकि निगम ने पत्र लिखकर 9 करोड रुपए की मांग शासन से की है।
यह पहली बार नहीं
वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों की नाराजगी देखने को मिल रही है लेकिन यह पहली बार नहीं है जब कर्मचारियों को वेतन देरी से मिल रहा हो। पहले भी तीन तीन माह का वेतन नहीं मिलता था। इसी प्रकार का करीब 3–4 साल से चलता आ रहा है। कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए 3 से 4 माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है इस बार होली के बाद से ही कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिली है।
महापौर और पार्षदों को नही मिली तनख्वाह
ऐसा केवल कर्मचारियों के साथ ही नहीं बल्कि महापौर और पार्षदों के साथ भी है जनप्रतिनिधियों को भी हर महीने मिलने वाली राशि नहीं मिली है महापौर और पार्षदों का वेतन फरवरी महीने से ही अटका हुआ है एक महापौर और करीब 58 पार्षदों का 30 लाख वेतन देना बचा हुआ है। वेतन देने के लिए शासन से 9 करोड़ रूपए की मांग की हैं। जिसके आते ही सभी को तनख्वाह का भुगतान किया जाएगा।