नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरटीई में एडमिशन की तारीख बढ़ाने के बावजूद एडमिशन नहीं हुए हैं। फलस्वरूप शिक्षा के अधिकार के तहत 20 प्रतिशत सीटें खाली बच गई हैं। लिस्ट में नाम आने पर भी बच्चों ने एडमिशन नहीं लिया है। इस बार एडमिशन की तिथि 20 अगस्त तक बढ़ाई गई थी। साथ ही 28 हजार सीटें घटा दी गईं थी। फिर भी 20 प्रतिशत सीटें खाली रह गईं हैं।
तारीख बढ़ाने के बावजूद नहीं हुए एडमिशन
छत्तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार के तहत आरक्षित सीटों पर 20 अगस्त तक एडमिशन की तारीख बढ़ाई गई थी। लेकिन तारीख बढ़ाने का कोई नतीजा नहीं निकला। आरटीई को 20 प्रतिशत यानी 10 हजार 598 सीटें खाली बच गईं हैं। जबकि इस साल सीटों को घटाया भी गया है। पहले प्रदेश भर में 83 हजार सीटें हुआ करती थी। लेकिन इस बार 28 हजार सीटें घटा दी गई हैं। जिसके बाद 55 हजार 195 सीटों पर एडमिशन होना था। लेकिन 44 हजार 598 सीटों पर ही बच्चों ने एडमिशन लिए हैं। प्रदेश भर में एडमिशन के लिए 6 हजार 572 स्कूल रजिस्टर्ड हैं। एडमिशन के लिए लॉटरी सिस्टम के जरिए किए जाना था। मेरिट लिस्ट आने के बाद बच्चों को स्कूल में प्रवेश लेना था। सीटें कम करने के बाद आश थी कि इस बार सीटें बढ़ जाएंगी। लेकिन इससे स्कूलों के प्रवेश में कोई फर्क नहीं नजर आया है।
हजारों बच्चों ने छोड़ दी सीट
55 हजार सीटों में एडमिशन के लिए 2 से 7 अगस्त तक लॉटरी प्रक्रिया चली। बच्चों को एडमिशन के लिए 8 से 20 अगस्त तक का समय भी दिया गया। 55 हजार सीटों में एडमिशन के लिए एक लाख से ज्यादा आवेदन आए थे। लेकिन 44 हजार 593 बच्चों ने एडमिशन लिया है। साथ ही 5400 बच्चों ने लॉटरी में नाम आने के बावजूद सीटें छोड़ दी हैं। जिसके पीछे की वजह यह निकल कर आ रही है कि बच्चों को या तो इंग्लिश मीडियम स्कूल नहीं मिला। या तो उन्हे छोटे स्तर के स्कूल मिले हैं। वहीं अब तीसरी बार तारीख बढ़ाने से प्रशासन ने इंकार कर दिया है। क्योंकि स्कूलों की पढ़ाई शुरू हुए 59 दिन बीत चुके हैं।