नितिन मिश्रा, RAIPUR. राजधानी में स्थिति लाइब्रेरियों की रौनक एक बार फिर वापस लौट आई है। कोरोना काल में जो पुस्तकालय सुने पड़े थे। अब वहां 5 हजार से ज्यादा की वेटिंग आ रही है। इसके पीछे की वजह युवाओं में प्रतियोगी परीक्षाओं की ओर रुचि बढ़ना है।
शहर में स्थित नालंदा परिसर में हर रोज 700 से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ने के लिए आ रहें हैं। लाइब्रेरी में 6 महीने से 5 हजार से ज्यादा छात्र वेटिंग लिस्ट में हैं।
पुस्तकालय की लंबी वेटिंग लिस्ट
राजधानी रायपुर में स्थित नालंदा परिसर में 700 सीटों पर विद्यार्थी पढ़ाई करने आते हैं। इस लाइब्रेरी में 50 हजार से भी ज्यादा अलग– अलग विषयों की किताबें मौजूद हैं। जिसके कारण विद्यार्थी रुचि लेकर यहां पढ़ने आते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी किताबें मौजूद होने की वजह से युवाओं की भीड़ लाइब्रेरी में बाढ़ गई है। नालंदा परिसर में 7 सौ सीटों के लिए 5 हजार से ज्यादा विद्यार्थी वेटिंग लिस्ट में हैं। नालंदा परिसर में ज्यादातर विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए पहुंचते हैं। नालंदा परिसर राजधानी का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। लाइब्रेरी में ऐसे भी लोग पहुंचते है जो रिटायर्ड अधिकारी हैं। वे लाइब्रेरी में अंग्रेजी और हिंदी साहित्य की किताबों को पढ़ने के लिए पहुंचते हैं।
कोरोनाकाल में सुना पड़ गया था पुस्तकालय
देश भर में लॉकडाउन खुलने के बाद भी लोग सार्वजनिक जगहों पर जाने से बच रहें थे। लेकिन स्थिति सामान्य होने के 1 साल बाद लाइब्रेरियों की रौनक वापस लौट आई है। जिस प्रकार की भीड़ लाइब्रेरियों में पहले हुआ करती थी, अब उससे ज्यादा की संख्या में लोग पढ़ाई करने पहुंच रहें है। इसका अंदाजा इस चीज से लगाया जा सकता है कि लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए छात्रों को लंबी वेटिंग लिस्ट में रखा गया है।