नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में शुक्रवार 28 जुलाई को बीजेपी के पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की है। साथ ही राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है। विधायकों का कहना है कि कांग्रेस सरकार पूर्व विधायकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस डर पैदा करके सत्ता को हथियाना चाहती है। इस दौरान बीजेपी के डॉ.सुभाऊ कश्यप, भोजराज नाग, लच्छू कश्यप, बैदू कश्यप, पिंकी शिवराज शाह और श्रवण मरकाम पूर्व विधायक मौजूद रहे।
राज्यपाल से की पूर्व विधायकों ने मुलाकात
आज यानी शुक्रवार 28 जुलाई को बीजेपी के पूर्व विधायक दल ने राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की है। दरअसल छत्तीसगढ़ की सरकार ने 16 जून, 2023 को एक पत्र जारी किया है। जिसमें पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम करने का निर्देश दिया है। सरकार ने इस निर्देश को लेकर 22 मई, 2023 को प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक के बाद की गई अनुशंसा को आधार बनाया है। इसी मसले को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की है। बीजेपी विधायकों का कहना है कि कांग्रेस भया दोहन कर कांग्रेसी सरकार सत्ता हासिल करना चाहती है। आदिवासी क्षेत्र के पूर्व बीजेपी विधायकों ने सुरक्षा व्यवस्था के छेड़छाड़ कर उसे प्रभावहीन करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। एक ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बीजेपी के नेताओं, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हो रही है। वहीं प्रदेश सरकार उनकी सुरक्षा कम करने का षड्यंत्र रच रही है। बीजेपी के पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से यह मांग की है कि जिन जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में कमी की गई है। उनकी सुरक्षा फिर से बहाल की जाए।
यह है ज्ञापन में
बीजेपी के पूर्व विधायकों के द्वारा ज्ञापन सौंपे गए ज्ञापन में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में कई जिले एवं विधानसभा क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं। प्रदेश का एक हिस्सा वामपंथ उग्रवाद से भी प्रभावित है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में आगामी महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे समय में प्रदेश की कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के उन पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी करने का निर्णय लिया है, जो संवेदनशील क्षेत्र में या तो निवास करते हैं या इन क्षेत्रों में इनका प्रवास होता है। पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा से प्रदेश की कांग्रेस सरकार खिलवाड़ कर रही है। पूर्व विधायकों का कहना है कि जिस प्रकार से संवेदनशील क्षेत्रों में राजनीतिक रूप से सक्रिय विपक्षी बीजेपी नेताओं की सुरक्षा को कम किया गया है। वह भी किसी राजनीतिक कुनीति और षड्यंत्र की ओर संकेत देता है।
बीजेपी नेताओं की हुई टारगेट किलिंग
पूर्व विधायकों द्वारा सौंपे ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित एवं संवेदनशील क्षेत्रों के पूर्व विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को कम करने के कारण अब उनके जान-माल की हानि का खतरा बढ़ चुका है। पूर्व विधायकों ने टारगेट किलिंग के आंकड़े भी पेश किए हैं। जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछले 4 वर्षों में नक्सली माओवादी समूह के द्वारा की गई जनप्रतिनिधियों की हत्याएँ भी इसकी गवाही देती है। पूर्व विधायकों के द्वारा रखे गए आँकड़ों के अनुसार अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2023 तक छत्तीसगढ़ में माओवादियों के द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में कुल 33 जनप्रतिनिधियों तथा राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों की हत्या की गई है। पिछले 6 माह में ही भाजपा के चार कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हुई है। ऐसे में पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी करना मानवीयता की दृष्टि से भी अनुचित है।