नितिन मिश्रा,RAIPUR. छत्तीसगढ़ के बीजेपी प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने तेंदूपत्ता खरीदी मामले में कांग्रेस सरकार को घेरा है। देवलाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार और सीएम भूपेश बघेल आदिवासियों को सक्षम बनते नहीं देखना चाहती है।
क्या कहा है बीजेपी प्रवक्ता ने
छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को तेंदूपत्ता खरीदी में आदिवासियों को लगे घाटे को लेकर सरकार पर चढ़ाई की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों का शोषण किया है 2023 में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लक्ष्य से कम 379 लाख मानक बोरा की खरीदी की और आदिवासी परिवारों को 279 करोड़ वित्तीय घाटा पहुंचाया। कांग्रेस कभी नहीं चाहती यहां के मुख्यमंत्री कभी नहीं चाहते कि आदिवासी सक्षम बने। तभी तो 2020 में जो पत्ता समितियों में 13 हजार मानक बोरा में बिकता था, 16 हजार रुपिया मानक बोरा में बिकता था। उन पत्तों को 13 रूपए रुपए मानक बोरों 16 रूपए मानक बोरों में बेचकर करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया।जबकि तेंदूपत्ता के बोरे की ही कीमत 30 से 40 रूपए होती है। ऐसे में कैसे इस कांग्रेसी सरकार ने यहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों के मेहनत एवं पसीने की कमाई 13 रूपए और 16 रूपए मानक बोरा में बेच दिया यह बड़ा भ्रष्टाचार कांग्रेस ने किया है।
तेंदुपत्ता खरीदी के क्या हैं मानक
छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता यानी डायोसपायरस मेलेनोक्जायलोन पत्तों का उपयोग बीड़ी बनाने के लिए किया जाता है। आदिवासी से हारा सोना भी मानते हैं देश के गरीब 75लाख लोगों को तेंदूपत्ता से 3 महीने तक रोजगार मिल जाता है। शुरुआती वर्ष 2023 के दौरान 12 लाख 88 हजार 241 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ है। लगभग 13 लाख 76 हजार परिवार से सरकार तेंदूपत्ता का संग्रहण कराती है संग्रहण का यह काम राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ करता है। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना था तब 1 मानक बोरा तेंदू संग्रहण के बदले 400 रुपए दिया जाता था।साल 2018 तेंदूपत्ता के प्रति बोरी की कीमत 18 सौ थी। 2018 में कांग्रेसी सरकार बनने के बाद इसकी कीमत बढ़ाकर 4 हजार रूपए कर दी गई। प्रत्येक बोरे में 1 हजार गड्डियां मौजूद होती हैं जिसमें एक गड्डी में 50 पत्ते होते हैं।