RAIPUR. राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में हमर अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत का मामला सामने आया है। जिसके बाद हमर अस्पताल की डॉक्टर नेहा खेमका को हटा दिया गया है। वहीं जिला नोडल अधिकारी पर भी सख्त कार्रवाई हो सकती है। दरअसल गुढ़ियारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान लापरवाही और देरी की वजह से गर्भवती और नवजात की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार 9 जून को गुढ़ियारी निवासी राधा निर्मलकर को हमर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब पीड़ित अस्पताल में भर्ती हुई तब वह दर्द से तड़प रही थी और उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। पीड़िता को सांस लेने में भी दिक्कत हुई थी, डॉक्टरों का कहना था कि राधा निर्मलकर को तुरंत ऑपरेशन की आवश्यकता है। लेकिन डॉक्टरों की टीम ना होने के कारण उसे रैफर किया जाना था। जब एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया तो एंबुलेंस नहीं आई, परिजन ने बिगड़ती हालत को देखते हुए तुरंत उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां देरी होने की वजह से जच्चा-बच्चा की मौत हो गई।
अधिकारियों पर कार्रवाई
इस पूरे मामले में लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रभारी डॉ नेहा खेमका अग्रवाल को पद से हटा दिया गया है। वहीं, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य की नोडल अधिकारी डॉ. प्रीति नारायण पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। पूरे मामले पर सीएमएचओ डॉ मिथिलेश चौधरी का कहना है कि लापरवाही पर अस्पताल प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें हटाया गया है। मामले की जांच के आधार पर अन्य पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।