छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहा कंजेक्टिवाइटिस, प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा केस, जानें कितना खतरनाक है वायरस?, क्या हैं लक्षण? 

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहा कंजेक्टिवाइटिस, प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा केस, जानें कितना खतरनाक है वायरस?, क्या हैं लक्षण? 











नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इन दिनों आई फ्लू वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी की हैं।  प्रदेश में इस वक्त 20 हजार से ज्यादा कंजेक्टिवाइटिस के एक्टिव केस हैं। आई फ्लू को लेकर  द सूत्र ने कुछ जानकारियां इकट्ठी की हैं। द सूत्र ने छत्तीसगढ़ पेंडेमिक विभाग के डायरेक्टर डॉ.सुभाष मिश्रा से खास बातचीत की है। डॉ मिश्रा ने पिंक आई के लक्षण और बचने के तरीकों के बारे में बताया है। 





क्या है कंजेक्टिवाइटिस 





छत्तीसगढ़ के पेंडेमिक विभाग के डायरेक्टर डॉ. सुभाष मिश्रा ने द सूत्र से बातचीत में बताया कि कंजेक्टिवाइटिस एक आंखों की बीमारी है। इस बीमारी में आंखों का कलर पिंक हो जाता है और आंखें सूज जाती हैं। शिपिंग कई के नाम से भी जाना जाता है। जिससे कुछ दिनों तक इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनकी आंखों में धुंधलापन आ जाता है और देखने में परेशानी होती है। यह बीमारी छूने से फैलती है। जैसे कि किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हाथ मिलाने के बाद अपनी आंखों को छूने से यह बीमारी फैल सकती है। जिससे आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। 





मोतियाबिंद का ऑपरेशन बंद करने के पीछे ये कारण 





डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस वायरस के कारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन अस्पतालों में बंद कर दिया गया है। इसके पीछे कारण है कि कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीज का ऑपरेशन करने से उसकी आंखों की रोशनी जाने का खतरा होता है। यदि गलती से भी मरीज का ऑपरेशन कर दिया गया तो उसकी आंखों में मवाद भर जाएगा। जिससे उसे दिखना बंद हो सकता है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए अस्पतालों के सर्जनों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार यदि जरूरी ना हो तो मोतियाबिंद का ऑपरेशन बिल्कुल भी ना किया जाए।  ऑपरेशन जरूरी है तो मरीज को अस्पताल में कुछ दिनों के लिए भर्ती करके उसके ठीक होने के बाद ऑपरेशन किया जा सकता है। 





कितना खतरनाक है वायरस 





डॉ. सुभाष मिश्रा के अनुसार कंजेक्टिवाइटिस वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है यह आंखों की एक आम बीमारी की तरह ही है। लेकिन सही सावधानियां नहीं बरतने पर यह बीमारी बढ़ भी सकती है। इसके लिए सही प्रिकॉशंस की आवश्यकता है। कंजेक्टिवाइटिस वायरस से बचने के लिए आंखों में चश्मा लगाए। यदि आप किसी कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीज की संपर्क में आते हैं, तो अपने हाथ धो करें अपनी आंखों को टच करें। अपनी आंखों को चश्मे की मदद से ही कवर करके रखें। संक्रमित व्यक्ति की आंखों में आंख डाल कर बात करने से यह वायरस नहीं फैलता है। इससे  डरने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप भी इस बीमारी से ग्रसित हैं तो सही सावधानियां बरतें। तकलीफ ज्यादा बढ़ने पर किसी आंख के डॉक्टर से सलाह लें। 





प्रदेश में हजारों एक्टिव केस 





छत्तीसगढ़ में इस समय कंजेक्टिवाइटिस के 20,000 से ज्यादा एक्टिव केस हैं। इसमें रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर दुर्ग जैसे बड़े शहर में इन केसों की संख्या ज्यादा है। बीते दिनों राजधानी रायपुर में 24 घंटे 140 से ज्यादा केस मिले थे। दिन प्रतिदिन एक्टिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है शासन प्रशासन ने  कंजेक्टिवाइटिस वायरस से बचने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने ये बताया कि लोक शिक्षण संस्थान को निर्देश दिए गए हैं कि यह बीमारी फैल रही है तो छात्रावास और स्कूलों में किस प्रकार की सावधानियां बरतनी है। अस्पतालों के सीएमएचओ को भी निर्देश दिए गए हैं कि मरीज को  किन दवाइयों कौन सी दवाइयां देना हैं। ओपीडी में किस प्रकार से इलाज करना है। इस प्रकार के सभी दिशा निर्देश लगभग हर संबंधित विभाग को दिए गए साथ ही लोगों से भी अपील की गई है कि जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करें।



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