छत्तीसगढ़ आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 6वें नंबर पर, 2018 से लेकर 2021 तक लगातार बढ़े, कैसे सुधरेंगे हालात?

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 6वें नंबर पर, 2018 से लेकर 2021 तक लगातार बढ़े, कैसे सुधरेंगे हालात?

Raipur. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB के डेटा के अनुसार 2018 से लेकर 2021 तक आदिवासियों के खिलाफ अपराध ज्यादा हुए हैं। एनसीआरबी 2021 में दलितों के साथ हो रहे अपराध को लेकर एक डाटा जारी किया था, जिसके अनुसार अनुसूचित जाति के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध होने वाले राज्यों की लिस्ट में 6वें स्थान पर छत्तीसगढ़ है। 2018 से 2021 तक के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में आदिवासियों के ख़िलाफ़ होने वाले आपराधिक मामले हर साल बढ़ते ही दिखते हैं। 



क्या कहते हैं आंकड़े, कितने अपराध?



NCRB के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार आदिवासियों के खिलाफ अपराध के हैरान करने वाले सामने हैं। जिसमें साल 2018 की बजाय की जाए तो 6 हजार 528 आपराधिक मामले सामने आए हैं, वहीं साल 2019 में 7 हजार 570 आपराधिक मामले, साल 2020 में 8 हजार 272 और साल 2021 में 8 हजार 802 मामले दर्ज किए गए हैं। इस प्रकार आदिवासियों के प्रति होने वाले अपराध के मामले में NCRB के डेटा के अनुसार छत्तीसगढ़ देश के 36 राज्यों में छठवें नंबर पर है। 




मध्यप्रदेश पहले स्थान पर 



नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार साल 2021 में दलितों के साथ हो रहे अपराध को लेकर मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। साल 2020 में भी अनुसूचित जाति यानी आदिवासियों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध होने वाले राज्यों की लिस्ट में पहले स्थान पर मध्यप्रदेश है।  वहीं साल 2019 की बात की जाए तो आदिवासियों के साथ सबसे ज्यादा अपराध किए जाने वाले राज्यों की लिस्ट में पहले स्थान पर राजस्थान था और मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा है।


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