Raipur। छत्तीसगढ़ बीजेपी पंद्रह अगस्त के बाद पूरे प्रदेश में सड़क पर मौजूद गोवंश और मवेशियों को,संबंधित इलाक़े का कलेक्ट्रेट नगर निगम और एसडीएम कार्यालय में छोड़ेगी। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने यह एलान किया है।यह एलान तब हुआ है जबकि हाईकोर्ट राज्य सरकार को जमकर फटकार लगा चुकी है और सड़क पर मवेशियों के मसले पर राज्य के मुख्य सचिव से शपथ पत्र तलब कर चुकी है। इसके बीजेपी प्रदेश की भूपेश सरकार की गौठान योजना को लेकर सवालों में भी घेर चुकी है।
गौठान योजना की विफलता को सामने लाने की कवायद
बीजेपी प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार की बहुचर्चित गौठान योजना को लेकर विधानसभा में कई बार घेर चुकी है। भूपेश सरकार की फ़्लैगशिप योजना को लेकर सरकार का दावा है कि, पूरे प्रदेश में दस हज़ार गौठान बनाए गए हैं।भूपेश सरकार गौठान योजना को गौ वंश की सेवा से भी जोड़ती है। सरकार का दावा है कि, इन गौठानों में गोवंश को रखा जाता है, जिससे सड़कों पर गोवंश और मवेशियों के भटकने की संख्या नगण्य है।बीजेपी ने विधानसभा में लगातार इन दावों पर सरकार को घेरा है। बीजेपी ने दस हजार गौठान के अस्तित्व में होने से लेकर गौठान योजना के नाम पर खर्च की गई राशि को लेकर सवाल किया है।
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चलो गौठान के बाद ले धर मवेशी अभियान
बीजेपी ने हालिया दिनों कई गौठानों में छापामार अभियान चलाया।इस अभियान के ज़रिए बीजेपी काग़ज़ों में दर्ज गौठान की जगह पर गई और कई जगहों पर अव्यवस्था के साथ अधूरे गौठान को सामने ले आई। चलो गौठान के बाद अब बीजेपी ‘ले धर मवेशी’ अभियान चलाने की क़वायद में है। सरकार के दावे हैं कि गौठान में गोवंश और मवेशी रखे जाते हैं। लेकिन इन दावों के उलट सड़कों पर गोवंश और मवेशी होते हैं। इन मवेशियों की वजह से केवल यातायात बाधित नहीं होता, यह बड़े हादसों का कारण बनते हैं।हालिया हादसा सात अगस्त को हुआ जब छत्तीसगढ़ उड़ीसा नेशनल हाईवे पर पंद्रह गोवंश कुचल कर मर गए।ऐसे भी कई हादसे हैं जब कि नागरिकों को गंभीर नुक़सान हुआ है।अब बीजेपी इन मवेशियों को पकड़ कर सरकारी कार्यालयों में पहुँचाने का अभियान चलाएगी। इस अभियान के ज़रिए बीजेपी गौठान की असफलता को तो दर्शाएगी ही वह सीएम भूपेश के सॉफ़्ट हिंदुत्व का हिस्सा बने गौ सेवक वाली छवि को भी ख़ारिज करने की क़वायद करेगी।
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हाईकोर्ट भी लगा चुकी है फटकार
सड़क पर मवेशी की हालत इस कदर गंभीर है कि हाईकोर्ट को फटकार लगानी पड़ी है।हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर आठ सदस्यीय कमेटी बनाए जाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि, कुछ भी हादसा हुआ तो ये आठ सदस्यीय समिति जवाबदेह होगी। इस मामले की अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी।हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को शपथ पत्र तलब किया है।