नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन दिनों के भीतर तीसरा पत्र लिखा है। सीएम भूपेश ने पीएम मोदी से पिछड़ा वर्गों को अलग से कोड निर्धारित करने, युवाओं को रोजगार देने और राष्ट्रीय जनगणना कराने का आग्रह किया है। विधानसभा में पारित ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक राज्यपाल के अनुमोदन के लिए लंबित है।
सीएम बघेल का प्रधानमंत्री को पत्र
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर ओबीसी आरक्षण को बहाल करने की बात कही है। सीएम भूपेश बघेल ने पत्र लिख कर आग्रह किया है कि मेरे द्वारा अप्रैल 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य पिछड़ा वर्गों के व्यक्तियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिये जाने तथा इस विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का आपसे अनुरोध किया गया था। आप सहमत होंगे कि सदियों से सामाजिक-राजनीतिक अधिकारों से वंचित बड़ी आबादी को संविधान प्रदत्त समानता एवं सामाजिक न्याय की भावना के अनुरूप आरक्षण का लाभ दिया जाना आवश्यक है।
राजभवन के अनुमोदन के लिए लंबित है विधेयक
राज्य विधानसभा द्वारा दिसंबर 2022 में सर्वसम्मति से पारित विधेयक में राज्य में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों तथा ई.डब्ल्यू.एस. के लोगों के लिये क्रमशः 32, 13, 27 एवं 4 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधी विधेयक पारित किया गया था। दुर्भाग्य से वह विधेयक अभी तक राजभवन में अनुमोदन हेतु लंबित है। समाज की बड़ी आबादी को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखने से उनके मन में रोष व्याप्त होना स्वाभाविक है। राज्य सरकार के सभी प्रयासों के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्गों के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न मिल पाना समझ से परे है।
विधेयक पर सकारात्मक निर्णय लिया जाए
सीएम भूपेश ने आगे आग्रह किया है कि अतः विनम्र अनुरोध है कि अन्य पिछड़ा वर्गों हेतु पृथक से कोड निर्धारित करते हुए राष्ट्रीय जनगणना करवाने तथा स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से जगदलपुर स्थानान्तरित करते हुए अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय पर और विलम्ब न करते हुए आवश्यक पहल कर शीघ्र अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का कष्ट करें।