छग में कांग्रेस बोली– रेल के मुद्दे पर PM मोदी से बात करने में डरते हैं साव, बीजेपी रेल्वे को भी निजी हाथों में देने की तैयारी में

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Shivam Dubey
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छग में कांग्रेस बोली– रेल के मुद्दे पर PM मोदी से बात करने में डरते हैं साव, बीजेपी रेल्वे को भी निजी हाथों में देने की तैयारी में




RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों से ट्रेनों की टाइमिंग गड़बड़ाई हुई है। साथ ही बहुत सी ट्रेनें कैंसिल भी कर दी गई हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव अपने पद को बचाने के लिए पीएम मोदी से बात करने में डरते हैं। केंद्र सरकार रेल्वे को भी प्राइवेट करने की फिराक में हैं। कांग्रेस पार्टी चरणबद्ध तरीके से इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी। 



क्या कहा है कांग्रेस ने 



छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद सरकार ने केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि 

"बिलासपुर सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव प्रधानमंत्री मोदी से बात करने में डरते हैं। उन्हे इस बात का डर रहता है कि कहीं उनका पद ना चला जाए। पद के कारण वो अपने दायित्व को भूल गए हैं। वहीं केंद्र की बीजेपी की सरकार रेल्वे का निजीकरण करना चाहती है। लोहा, बॉकसाइड, कोयला और अब रेल्वे भी अदाणी को सौंपना चाहती है। केवल एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाना चाहती है। "



हजारों ट्रेनें हुई कैंसिल 



सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन से रेलवे को हर साल करोड़ों रुपए का मुनाफा होता हैं और सबसे ज्यादा अनदेखी इसी क्षेत्र की की जा रही है। केवल यहां से माल गाड़ियों को चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ से कोयला परिवहन समय से हो रहा है, लेकिन सवारी गाड़ियों की कोई चिंता नहीं है। कई हजार ट्रेनें पूरे देश भर में कैंसिल चल रहीं हैं। संचार विभाग के अध्यक्ष ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 2020 में 32 हजार 757 ट्रेनें निरस्त की गई, 2021 में 32 हजार 151ट्रेनें  निरस्त की गई, 2022 में 2 हजार 474 ट्रेनें निरस्त की गई और 2023 में अप्रैल तक 208 ट्रेनें निरस्त की गई साथ ही वर्तमान में अगस्त तक 24 ट्रेनों को निरस्त किया गया है। 



कांग्रेस करेगी आंदोलन 



सुशील आनंद शुक्ला ने आगे कहा किरेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन करेगी। 9 सितंबर को सभी जिला मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करेगी, साथ ही 9 सितंबर को ही जिला मुख्यालयों में ज्ञापन किया जाएगा। वहीं  10, 11 और 12 सितंबर को पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शन जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मांग पूरी नहीं होने पर 13 सितंबर को एक घंटे का प्रतिकात्मक रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।

 


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