नितिन मिश्रा,RAIPUR. छत्तीसगढ़ में 3 जुलाई से संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। राजधानी के तूता में लगभग 10 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब संविदा कर्मियों ने 17 जुलाई से जेल भरो आंदोलन का ऐलान कर दिया है। संविदाकर्मियों का कहना है की सरकार उनकी अनदेखी कर रही है यदि ऐसा ही रहा तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। वहीं अधिकारी कर्मचारी महासंघ भी 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी में है।
जेल भरो आंदोलन का किया ऐलान
राजधानी रायपुर के प्रदर्शन स्थल तूता में नियमितीकरण के लिए संविदा कर्मी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले यह हड़ताल हो रही है। संविदा कर्मियों ने यह स्पष्ट कर दिया है की अगर सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती तो 17 जुलाई से जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। इस हड़ताल में प्रदेश के 45 हजार संविदा कर्मी इकट्ठे हुए हैं। इस हड़ताल में ग्रामीण व पंचायत विकास मंत्रालय, ऊर्जा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, चिकित्सा विभाग, कौशल विकास और महिला व बाल विकास विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। संविदा कर्मियों का कहना है की हमें अब आश्वासन नहीं चाहिए। हमें कोई ठोस फैसला चाहिए।सरकार हमारी अनदेखी कर रही है।फैसला नहीं हुआ तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।
अधिकारी–कर्मचारी महासंघ ने रखी नई मांगें
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने 1 अगस्त से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल से पहले अपनी नई मांगे सरकार के सामने रखी हैं। मोर्चा ने पूर्ण पेंशन पात्रता के लिए 25 वर्ष की जगह 20 वर्ष की सेवा अवधि और कुरान अकाल में नई नौकरियों में स्टाइपेंड पर 3 वर्ष की परिवीक्षा विधि को घटाकर पहले की तरह पूर्ण वेतन पर 2 वर्ष करने की मांग है।