छत्तीसगढ़ में बर्खास्तगी पर संविदाकर्मियों का फूटा गुस्सा, राज्यपाल से की इच्छा मृत्यु की मांग, बोले– हमारे साथ वादाखिलाफी हुई

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में बर्खास्तगी पर संविदाकर्मियों का फूटा गुस्सा, राज्यपाल से की इच्छा मृत्यु की मांग, बोले– हमारे साथ वादाखिलाफी हुई


नितिन मिश्रा, RAIPUR. बीजापुर जिले में 211 संविदा कर्मियों की सेवा को समाप्त कर दिया है। जिसके बाद 1 अगस्त (मंगलवार) को संविदा कर्मी इच्छा मृत्यु की मांग को लेकर राजभवन पहुंच गए। संविदाकर्मियों का कहना है कि रोजी-रोटी छीनने से मौत होनी ही है तो एक साथ इच्छा मृत्यु ही दे दी जाए। 



इच्छा मृत्यु की मांग लेकर राजभवन पहुंचे कर्मचारी 



बीजापुर जिले में कलेक्टर द्वारा 211 संविदा कर्मियों की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। सरकार ने संविदा कर्मियों की हड़ताल को अवैध करार देकर उस पर एस्मा लगा दिया है। जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है।  बर्खास्तगी से नाराज संविदा कर्मी इच्छा मृत्यु की मांग को लेकर राजभवन पहुंचे।  संविदा कर्मियों ने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग की है उनका कहना है कि रोजी–रोटी छीन लेने के बाद व्यक्ति की धीरे-धीरे तो मौत हो ही जानी है। इससे अच्छा है कि एक साथ इच्छा मृत्यु दे दी जाए। राजभवन में इच्छा मृत्यु की मांग को लेकर  कर्मचारी इकट्ठा हुए थे, लेकिन कुछ पदाधिकारियों को राजभवन में ज्ञापन सौंपने की अनुमति मिली। 



सरकार ने की वादाखिलाफी 



सर्व विभागीय संविदाकर्मी महासंघ के प्रदेश सचिव श्रीकांत लसकेर ने कहा कि कांग्रेस की घोषणा पत्र में लिखा गया था कि समस्त संविदा कर्मी को नियमित किया जाएगा उनकी छटनी नहीं की जाएगी।लेकिन आज नियमितीकरण तो दूर की बात है। कई विभागों में संविदा कर्मियों की छटनी की जा रही है। यदि आप किसी कर्मचारी की रोजी-रोटी छीन लेंगे तो उसकी धीरे-धीरे मौत हो जाएगी। तो सीधा सीधा एक साथ सामूहिक मृत्यु ही दे दीजिए हम सब संविदा कर्मी एक साथ इच्छा मृत्यु की मांग करते हैं सरकार ने वादाखिलाफी की है। 



बीजापुर में 211 कर्मचारियों को किया गया है बरखास्त 



 नियमितीकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से प्रदेशभर के संविदा कर्मी प्रदर्शन स्थल तूता– माना में हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सरकार ने 11 जुलाई को हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों पर और अन्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया था।राज्य शासन द्वारा 11 जुलाई को स्वास्थ्य सेवा को जरूरी मानते हुए हड़ताल को अवैध करार दे दिया गया था और कर्मचारियों को वापस काम में लौटने का निर्देश दिया गया था। एस्मा लगने के बाद भी संविदा कर्मी हड़ताल से पीछे नहीं हटे हैं। जिसके बाद संविदा कर्मियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई  है। बीजापुर जिले के एनएचएम  के 211 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। कलेक्टर ने संविदाकर्मियों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया है। अभी भी संविदा कर्मी सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले संविदा कर्मी हड़ताल पर बैठे हुए हैं।


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