छत्तीसगढ़ में तीन बार बुवाई के बाद भी अंकुरण नहीं, अब तक नहीं हो पाया फसल बीमा, किसानों को सता रहा नुकसान का डर 

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में तीन बार बुवाई के बाद भी अंकुरण नहीं, अब तक नहीं हो पाया फसल बीमा, किसानों को सता रहा नुकसान का डर 

नितिन मिश्रा,RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अभी तक फसलों के बीमा की शुरुआत नहीं हो पाई है।जिससे किसानों को नुकसान का खतरा सता रहा है। तीन बार बुवाई के बाद भी अंकुरण नहीं हो पाया है।जिसका कारण खेतों में भरा लबालब पानी है। 





तीन बार बुवाई के बाद भी अंकुरण नहीं 



जानकारी के मुताबिक किसानों ने तीन बार खेतों में रोपाई कर दी है, लेकिन उसमें अंकुरण नहीं हो पाया है।  जिसका कारण सावन माह में लगातार बारिश होना। किसानों के लिए यह बारिश आफत बनकर आई है। लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है। जिसके कारण बीज खराब हो चुके हैं। और अंकुरित नहीं हो रहे हैं हर बार सावन की वजह है। भादो में ज्यादा पानी गिरता था। लेकिन इस बार सावन में ज्यादा पानी गिरने से खेती पर संकट आ गया। धूप नहीं निकलने के कारण खेतों के बीच खराब हो गए किसानों को बुवाई करनी पड़ रही है लेकिन लाभ कुछ भी नहीं मिल रहा है कुछ जगहों पर अंकुरण हुआ लेकिन वहां बहुत ही कम पौधे निकले इससे धान की उपज कम होने की आशंका है। जून महीने में अचानक बारिश शुरू होने के कारण कुछ समय किसानों को रोपाई का मौका नहीं मिला। जिसके चलते अब नुकसान होने का संकट मंडरा रहा है। 





अब तक नहीं शुरू हुआ फसल बीमा



प्रदेश में धान की रोपाई शुरू कर दी गई है। कई जगहों पर ज्यादा बारिश की वजह से फसल खराब हो रहीं हैं। 

 लेकिन साल 2023 के लिए फसल बीमा पोर्टल नहीं खोला गया है। जिसके चलते किसानों को नुकसान होने का डर सता रहा है। किसानों का कहना है कि खेती के लिए लोन ले लिया गया है और धान की रोपाई भी शुरू कर दी गई है।खरीफ की फसलों के लिए फसल बीमा का प्रीमियम जमा करना है।  लेकिन बीमा नहीं हो रहा है। अभी तक यह तय नहीं किया गया है कि कौन सी कंपनी कौन से जिले में बीमा करेगी। 




पिछले साल 4 लाख किसानों को मिला था लाभ 



जानकारी के अनुसार पिछले साल खरीद में प्रदेश के 98 लाख किसानों ने 32.19 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई थी इसमें प्रदेश के अलग-अलग जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत 14 लाख 54 हजार 701 किसानों ने 15 लाख 9 हजार 356 हेक्टेयर की धान फसल का बीमा करवाया था जिनका बीमा धन 6 हजार 734 करोड़  रुपए से ज्यादा था। जिन किसानों ने प्रीमियम के रूप में 136 करोड़ 66 लाख रूपए जमा किए थे। पिछले वर्ष प्रदेश में 4 लाख 3 हजार 52 किसानों को उनकी फसल नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति के रूप में 143 करोड़ 11 लाख 53 हजार रूपए मुआवजे के रूप में दिए गए थे।


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