नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में संविदाकर्मी एक बार फिर से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। सीएम भूपेश के द्वारा संविदाकर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत की घोषणा के बाद भी इस पर अमल नहीं किया गया है। साथ ही कई संविदाकर्मियों की छ्टनी भी की जा रही है। जिससे संविदाकर्मी नाराज हैं।
अब तक नहीं मिली 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि
कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में किए गए नियमितीकरण के वादे को पूर्ण करवाने की मांग को लेकर 3 जुलाई से 2 अगस्त तक संविदाकर्मियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल की थी। 19 जुलाई को विधानसभा सत्र के अनुपूरक बजट में सीएम भूपेश बघेल द्वारा संविदा कर्मचारियों के वेतन में की गई 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। 37 हजार में से 30 हजार संविदाकर्मी अब भी वेतन वृद्धि से वंचित हैं। जिससे संविदा कर्मचारियों में असंतोष के साथ नाराजगी भी देखने को मिल रही है। साथ ही हड़ताल के बाद से कई जिलो में छंटनी की गई है। दन्तेवाड़ा में 14 साल से स्वच्छ भारत मिशन में सेवा दे रहे एक संविदा कर्मी को अचानक सेवा से मुक्त कर दिया गया। आवास योजना में कार्य कर रहे चार जिला संयोजक नोटिस पीरियड पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्य कर रहे कई जिलों में भी छंटनी के लिए नोटिस दिया गया है।
हड़ताल पर जाने की तैयारी
21 अगस्त से छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन के बैनर तले स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं। इसमें डॉक्टर, नर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक जैसे नियमित स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल है। अस्पतालों में इन दिनों उनके स्थान पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी काम कर रहे है। ऐसे में अगर सभी विभागों के संविदा कर्मचारी आंदोलन पर जाएंगे तो स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी भी उसमें सम्मिलित होंगे। जिससे पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो जाएगी। जनवरी में संविदाकर्मियों ने पांच दिवसीय आंदोलन किया था। जिसके बाद शासन द्वारा आकस्मिक अवकाश में समायोजित कर वेतन दिए जाने का आदेश दिया गया था। लेकिन आज तक पांच दिन का रुका वेतन नहीं मिलने से भी संविदा अधिकारी कर्मचारियों में नाराजगी है। घोषणाओं पर वादा खिलाफी होने कर्मचारी बार-बार हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो रहें हैं।