नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का नियमितीकरण इस समय बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जिसको लेकर एक नई खबर सामने आई है।प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन से नियमितीकरण को लेकर अभिमत मांगा है। अनियमित कर्मचारी कर्मचारी 21 जुलाई से आमरण अनशन करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। यह आंदोलन बिना अन्न–जल के होगा।
डिप्टी सीएम ने चलाई नोटशीट
छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारी नियमितीकरण को लेकर माना- तूता में प्रदर्शन कर रहे हैं। मिला जानकारी के मुताबिक सरकार भी नियमितीकरण के लिए अब एक नया कदम उठाने की तैयारी में हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने नियमितीकरण को लेकर नोटशीट चलाई है उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को पत्र लिखकर उनका भी मत मांगा है। उन्होंने कहा है कि प्रस्तावों का परीक्षण कर अभिमत सहित प्रस्ताव शासन को जल्द प्रस्तुत करें। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नियमितीकरण को लेकर निर्देश दिए हैं। सरकार के समक्ष यह सुझाव भी सामने आया है कि कौशल्या माता की स्थाई कर्मी योजना के नाम से इसकी शुरुआत की जा सकती है। प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवंबर से इसकी घोषणा की जानी चाहिए। डिप्टी सीएम के नोट चलाने से नियमितीकरण को और पुख्ता कर दिया है।
नियमितीकरण के बाद मिल सकेगा फायदा
यदि 1 नवंबर 2023 से कर्मचारियों का नियमितीकरण हो जाता है, तो अर्ध कुशल श्रमिकों को 11 हजार 130 रुपए, कुशल श्रमिकों को 11 हजार 910 रूपए, अकुशल श्रमिकों को 10 हजार 480 रूपए और उच्च कुशल श्रमिकों को 12 हजार 690 रुपए मासिक वेतन के तौर पर दिया जाएगा स्थायीकरण के दिन सही महंगाई भत्ता अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
21 जुलाई से आमरण अनशन
नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश के लगभग 1 लाख संविदा कर्मी और अनियमित कर्मचारी हड़ताल पर हैं। आने वाले बुधवार 19 जुलाई से बिना अन्न जल के अनियमित कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारी 21 जुलाई से नियमितीकरण को लेकर आमरण अनशन की तैयारी कर रहें हैं। अनियमित कर्मचारियों का कहना है। कि सीएम भूपेश बघेल ने 2018 में नियमितीकरण का वादा किया था। लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हो पाया इसलिए प्रदर्शन जारी रहेगा।