नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ ने फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर नौकरी पाने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। आज संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम 4 सालों से भटक रहे हैं। लेकिन दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। प्रदेश में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का गिरोह संचालित हो रहा है। दिव्यांग जनों का हक छीना जा रहा है। बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि प्रदेश की सरकार दिव्यांगों के साथ न्याय होते नहीं देखना चाहती।
क्या मामला है
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ का आरोप है कि छत्तीसगढ़ शासन के लगभग 60% शासकीय पदों पर फर्जी दिव्यांग काबिज हैं। दिव्यांग जनों के लिए आरक्षित कोटे में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाकर लोग नौकरी का मजा ले रहे हैं। मोटे पैसे कमा रहे हैं।जिससे दिव्यांग जनों का हक मारा जा रहा है। इस मामले में छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव, मंत्री और संबंधित आधिकारी से शिकायत भी की गई। जिसमें 18, 56 एवं 39 फर्जी दिव्यांगों के नाम शामिल हैं।जिसकी जांच हेतु शासन प्रशासन ढीला ढाला रहा है। जो लोग प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी कर रहे हैं उनकी मेडिकल जांच कराने की मांग की गई है।
प्रदेश में चल रहा गिरोह
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष राधा कृष्ण गोपाल ने कहा कि फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने गिरोह। गुलाब सिंह राजपूत आयुक्त पद पर पदस्थ हैं। बिलासपुर के जिला अस्पताल के ऑडियोलॉजिस्ट प्रमोद महाजन और मुंगेली के डॉक्टर एमके रॉय इन दोनों ने मिलकर इतने फर्जी प्रमाण पत्र बनाए हैं हमारे पास सारे सबूत हैं। यदि कुछ गड़बड़ लगता है बीजेपी के समय या फिर कांग्रेस के समय में तो फिर सरकार को जांच करनी चाहिए। जांच कराने में सरकार को आखिर दिक्कत क्या है। हमने शिकायत की है। हम चाहते हैं राज्य मेडिकल बोर्ड से उन लोगों की मेडिकल जांच की जाए और दूध का दूध और पानी का पानी करा जाए।
सरकार नहीं चाहती दिव्यांग जनों का भला– गौरीशंकर
भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार नहीं चाहती कि किसी भी ददिव्यांग जन का भला हो।हमारी सरकार के समय भर्ती जरूर हुई थी। लेकिन हम दिव्यांगों का भला करना चाहते थे। उन्हें नौकरी देना चाहते थे। लेकिन अभी जो मामला उठा है वह 2018 के बाद से उठा है। कांग्रेस सरकार को जांच करवानी चाहिए। दिव्यांगो के हक में डाका डालने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।दिव्यांग लगातार कोर्ट से लेकर सड़क तक इस लड़ाई को लड़ रहे हैं दिव्यांगों के हक में डाका डालने का काम हो रहा है कार्रवाई करने का पूरा अधिकार राज्य सरकार के पास है। हम लोग आज सरकार में नहीं हैं। जो सरकार में उनकी कार्रवाई करने की जिम्मेदारी बनती है।